जबलपुर में रेलवे की नौकरी का झांसा देकर इंजीनियरिंग छात्र से ₹3.25 लाख की ठगी, रिश्तेदार निकला मास्टरमाइंड; फर्जी वर्दी और आईकार्ड के साथ ठगी को दिया अंजाम!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

जबलपुर शहर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने ना केवल भरोसे के रिश्तों को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि कैसे शातिर ठग अब बेहद चालाक तरीकों से आम लोगों को निशाना बना रहे हैं। एक इंजीनियरिंग का छात्र, जो बेहतर भविष्य का सपना लेकर पढ़ाई कर रहा था, उसे उसकी ही पहचान में आने वाले एक व्यक्ति ने रेलवे में नौकरी का झांसा देकर सवा तीन लाख रुपये की ठगी का शिकार बना दिया।

पीड़ित युवक आदर्श पटेल, जबलपुर के धनवंतरी नगर थाना क्षेत्र की भूकंप कॉलोनी में रहता है। उसकी मां सिलाई-बुनाई का काम करती हैं। अक्सर उनके घर सिलाई का ऑर्डर देने आने वाला राकेश सराठे, जो रिश्ते में आदर्श का मामा लगता है, एक दिन नौकरी दिलाने की बात लेकर आया। राकेश ने दावा किया कि जबलपुर मंडल के देवरी रेलवे स्टेशन में क्लर्क की वैकेंसी है, और उसके ‘ऊपर के अधिकारियों’ से संपर्क है — जिसके ज़रिए वह आदर्श को नौकरी दिलवा सकता है।

राकेश ने नौकरी के बदले पांच लाख रुपये की मांग की। लेकिन मां-बेटे को उस पर भरोसा था, इसलिए उन्होंने बिना शक किए उसे तीन से चार किश्तों में सवा तीन लाख रुपये दे दिए। ठग यहीं नहीं रुका — उसने पूरे घटनाक्रम को इतना असली दिखाया कि कोई भी धोखे का अंदाज़ा नहीं लगा सकता था। उसने पहले आदर्श को मेडिकल के लिए रेलवे अस्पताल ले जाकर एक महिला से मिलवाया, जो खुद को रेलवे बोर्ड की अधिकारी बताती थी। फिर रेलवे भर्ती प्रकोष्ठ, गेस्ट हाउस, और दस्तावेजी प्रक्रियाओं का पूरा नाटक किया गया। छात्र को एक नकली वर्दी और आईकार्ड भी दिया गया, जिस पर “कंप्यूटर प्रकोष्ठ, पमरे, सिविल लाइंस” लिखा हुआ था।

इस सब के बाद जब आदर्श नियुक्ति के इंतज़ार में रेलवे कार्यालय पहुंचा, तो उसके पैरों तले ज़मीन खिसक गई। अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया कि कोई वैकेंसी है ही नहीं और न ही ऐसी कोई भर्ती चल रही है। यहीं से धोखाधड़ी का पर्दाफाश हुआ।

पीड़ित ने तत्काल पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। जांच के दौरान पुलिस ने पहले उस महिला रेखा वर्मा को हिरासत में लिया, जिसने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने सिर्फ 5,000 रुपये के बदले खुद को फर्जी अधिकारी बनाकर पेश किया था — और यह सब राकेश सराठे के कहने पर किया गया था।

इसके बाद देर रात एक बजे पुलिस ने घमापुर क्षेत्र में दबिश देकर आरोपी राकेश को गिरफ्तार कर लिया। उसके घर से फर्जी डॉक्यूमेंट्स, वर्दी, और रेलवे संगठन WCRMS से जुड़ा नकली आईकार्ड बरामद किया गया। पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि राकेश पहले भी 2021 में इसी तरह की नौकरी के झांसे में ठगी के केस में नामजद हो चुका है।

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