मीसाबंदियों के सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लोकतंत्र सेनानियों को दी बड़ी सौगात: मिलेगा फ्री इलाज और एम्बुलेंस सुविधा, नौकरी में प्राथमिकता और परिवहन सुविधा भी मिलेगी!

You are currently viewing मीसाबंदियों के सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लोकतंत्र सेनानियों को दी बड़ी सौगात: मिलेगा फ्री इलाज और एम्बुलेंस सुविधा, नौकरी में प्राथमिकता और परिवहन सुविधा भी मिलेगी!

जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

भोपाल में आयोजित मीसाबंदियों के सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान में ऐतिहासिक घोषणाएं कीं। सीएम ने कहा कि प्रदेश के 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोकतंत्र सेनानियों को अब फ्री इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड दिए जाएंगे। साथ ही यदि इलाज के लिए बड़े शहरों के अस्पतालों में जाना पड़े तो एम्बुलेंस सुविधा भी दी जाएगी। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि रोजगार से जुड़ी योजनाओं में पात्रता मिलने पर लोकतंत्र सेनानियों को प्राथमिकता दी जाएगी।

इस मौके पर कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत और हरियाणा के पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी को ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, “संविधान के हत्यारे अब संविधान बचाने की बात कर रहे हैं। जिन्होंने अंबेडकर के साथ अन्याय किया, वे आज अंबेडकर का नाम ले रहे हैं।” उन्होंने आपातकाल की भयावहता का ज़िक्र करते हुए कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए जो संघर्ष मीसाबंदियों ने किया, वह कभी नहीं भुलाया जा सकता।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेताओं ने विपक्ष में रहकर लोकतंत्र के आदर्श स्थापित किए, जबकि आज विपक्ष के नेता सेना पर सवाल उठा रहे हैं। “ऑपरेशन सिंदूर” के जरिए भारत ने पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया, लेकिन हमारे ही देश के कुछ नेता पाकिस्तान और ट्रम्प से पहले भारतीय सेना पर सवाल उठा देते हैं। ये न केवल सेना का अपमान है, बल्कि लोकतंत्र पर हमला भी है।

कर्नाटक के राज्यपाल गहलोत ने भी अपने संबोधन में कहा कि देश के 12 राज्यों में लोकतंत्र सेनानियों को योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है, लेकिन मध्यप्रदेश में सबसे अधिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसके लिए उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बधाई दी और मौजूदा सरकार की सराहना की। उन्होंने आपातकाल के दौरान संविधान के साथ हुई छेड़छाड़ और नागरिक अधिकारों के हनन की याद दिलाई और कहा कि लोकतंत्र सेनानियों को यह जिम्मेदारी निभानी चाहिए कि वे भावी पीढ़ी को उस काले अध्याय के बारे में बताएँ।

गहलोत ने ग्लोबल वार्मिंग और अर्थव्यवस्था पर भी बात की। उन्होंने लोकतंत्र सेनानियों से अपील की कि वे समाज को पर्यावरण और आर्थिक विकास के प्रति जागरूक करें। “हमारी अर्थव्यवस्था आज विश्व में चौथे स्थान पर है, और इसे तीसरे स्थान पर लाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

पूर्व राज्यसभा सांसद कैलाश सोनी ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों की तपस्या के कारण ही देश में लोकशाही जिंदा है। “यह लोकतंत्र का करिश्मा है कि जिन्हें कभी जेल भेजा गया, वे आज राज्यपाल बनकर देश का नेतृत्व कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस नेताओं ने इंदिरा गांधी के आपातकालीन निर्णयों का विरोध किया होता, तो देश को वह दौर नहीं झेलना पड़ता।

उन्होंने बताया कि साल 2008 में मध्य प्रदेश सरकार ने मीसाबंदियों को सम्मान निधि देने की शुरुआत की थी, और आज यह योजना देश के 12 राज्यों में लागू है। इस बार समारोह में पूरे प्रदेश से 700 मीसाबंदी अपने परिवारजनों के साथ उपस्थित हुए। समारोह में कर्नाटक और हरियाणा के पूर्व-राज्यपालों को ताम्रपत्र सौंपा गया, जबकि अन्य मीसाबंदियों को उनके जिलों में प्रभारी मंत्री यह सम्मान सौंपेंगे।

कार्यक्रम में मंत्री विश्वास सारंग, कृष्णा गौर, गौतम टेटवाल, तुलसी सिलावट, विधायक रामेश्वर शर्मा, अजय बिश्नोई, भगवान दास सबनानी सहित कई जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।

Leave a Reply