जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
इंदौर के शीतला माता मार्केट इलाके में मुस्लिम वर्ग के कर्मचारियों को दुकानों से हटाने और व्यापारियों को दुकानें खाली कराने के मामले ने राजनीतिक और सामाजिक हलचल पैदा कर दी है। इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को चिट्ठी लिखकर घटना पर संज्ञान लेने और त्वरित कार्रवाई करने की मांग की है।
दिग्विजय सिंह ने पत्र में लिखा है कि यह घटना केवल इंदौर तक सीमित नहीं है बल्कि इसे लेकर पूरे प्रदेश और देश में चर्चा हो रही है। उनका कहना है कि यह मामला अब अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँच चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल के दबाव में पुलिस इस मामले में उचित कार्यवाही करने में असमर्थ है और आरोपियों को संरक्षण दिया जा रहा है।
दिग्विजय सिंह ने पत्र में विस्तार से बताया कि इस मामले की शुरुआत अगस्त 2025 के अंतिम सप्ताह में हुई थी। पूर्व मंत्री लक्ष्मण सिंह गौड़ और स्थानीय विधायक व पूर्व महापौर मालिनी सिंह गौड़ के पुत्र, एकलव्य गौड़, ने शीतला माता मंदिर बाजार में बैठक कर व्यापारियों से कहा कि मुस्लिम कर्मचारियों को हटाया जाए और मुस्लिम व्यवसायियों से दुकानें खाली कराई जाएं। इसके पीछे उनका आरोप था कि मुस्लिम सेल्समैन बाजार में “लव जिहाद” फैला रहे हैं।
इसी आदेश के बाद कई दुकानदारों ने मुस्लिम कर्मचारियों को निकाल दिया। व्यापारियों के अनुसार, इस आदेश से 200 से अधिक मुस्लिम कर्मचारियों की रोज़ी-रोटी प्रभावित हुई है। हालांकि स्थानीय पुलिस का कहना है कि उनके पास इस विषय में कोई लिखित शिकायत नहीं है।
दिग्विजय सिंह ने पत्र में कहा कि यह घटना सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने वाली है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इंदौर जिले के प्रभारी मंत्री होने के बावजूद इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि व्यापारियों और कर्मचारियों ने पहले भी इस घटना का ज्ञापन पुलिस और प्रशासन को सौंपा था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
पूर्व सीएम की चेतावनी और कार्रवाई की मांग
दिग्विजय सिंह ने पत्र में स्पष्ट किया है कि यदि पुलिस 6 अक्टूबर तक कार्रवाई नहीं करती है तो वे इस मामले को न्यायालय तक लेकर जाएंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 152, 196, 197, 293, 299 आदि के तहत मुकदमा दर्ज कर इस घटना का संज्ञान लिया जाए।
उन्होंने लिखा है कि उन्होंने इस घटना के पीड़ित व्यापारियों और कर्मचारियों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनकी व्यथा सुनी और इस लड़ाई में उनके साथ खड़े रहने का वचन दिया है। उन्होंने यह भी साझा किया कि जब वे शीतला माता मंदिर के दर्शन करने गए थे तो उन्हें पुलिस ने वहां जाने से रोक दिया।
इस पत्र के बाद यह मामला राजनीतिक विवाद का रूप ले चुका है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल इसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर तीव्र प्रतिक्रिया आ रही है। दिग्विजय सिंह की यह चिट्ठी इंदौर में सामाजिक एकता और धार्मिक सद्भाव के मुद्दे को फिर से गरमा देने वाली है।