जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
इंदौर की एक महिला कारोबारी को ठगों ने तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखकर 1.60 करोड़ रुपए ठग लिए। खुद को ईडी और सीबीआई अधिकारी बताने वाले इन ठगों ने वीडियो कॉल के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी दी और बैंक खातों की जानकारी लेकर सारे पैसे ट्रांसफर करवा लिए।
दरअसल, मध्य प्रदेश सहित पूरे देश में साइबर ठगों ने अपना जाल फैला लिया है। ये ठग हर दिन नए-नए तरीकों से लोगों की मेहनत की कमाई लूट रहे हैं। फर्जी कॉल, डिजिटल अरेस्ट, ओटीपी फिशिंग, और ऐप के जरिए ठगी—साइबर अपराधियों ने धोखाधड़ी के अनगिनत हथकंडे अपनाए हैं।
हाल ही में इंदौर में एक महिला कारोबारी के साथ 1.60 करोड़ रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। ठगों ने खुद को ईडी के अधिकारी बताकर मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाया और ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करवा लिए। 9 से 11 नवंबर के बीच, वंदना को वीडियो कॉल करके बताया गया कि उनके खाते में अवैध लेन-देन हुआ है। आरोपियों ने नरेश गोयल का नाम लेकर उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी दी। इसके बाद, वंदना से 1.60 करोड़ रुपए ट्रांसफर करवाने के साथ-साथ गोल्ड लोन लेने का भी दबाव बनाया गया। ठगों ने वंदना से बैंक खातों, कारोबार और आईडी कार्ड की जानकारी मांगी और जेल भेजने की धमकी देकर एक करोड़ 60 लाख रुपए अपने खातों में ट्रांसफर करवा लिए। इस दौरान, ठगों ने वंदना को तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखा। वहीं, ठगी की शंका होने पर वंदना ने नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर शिकायत की तो मामले का खुलासा हुआ। आपको बता दें, पिछले तीन महीनों में इंदौर में डिजिटल अरेस्ट के 65 मामले सामने आए हैं।
हालांकि, इंदौर में डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुई महिला कारोबारी वंदना गुप्ता से जब पुलिस ने पूछा कि मीडिया में इतने मामले आने के बावजूद वह कैसे फंस गईं, तो वंदना ने चौंकाने वाला जवाब देते हुए कहा “मैं जागरूक नहीं थी”। फिलहाल, साइबर पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।