जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
“भाई… अगर तुम मेरी आवाज सुन रहे हो तो घर लौट आओ… हमें तुम्हारी बहुत याद आती है।” यह अपील जबलपुर की दो बहनों—शिवानी और रागनी—की है, जो डेढ़ माह से अपने इकलौते भाई की तलाश में भटक रही हैं। रक्षाबंधन का त्योहार उनके लिए अधूरा रह गया, क्योंकि 27 वर्षीय उज्जवल चौधरी इस बार राखी बंधवाने घर पर नहीं था।
अचानक गायब हुआ भाई
उज्जवल चौधरी का परिवार नयागांव क्षेत्र में रहता है। वह MCA की पढ़ाई पूरी करने के बाद सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा था। 2023 में उसे जीसीएफ फैक्ट्री का कॉल लेटर मिला था, लेकिन उसने ज्वाइन नहीं किया। इस निर्णय के बाद से ही उज्जवल का स्वभाव चुपचाप और गुमसुम रहने लगा था।
20 जुलाई को सुबह करीब 10 बजे वह स्कूटर से भेड़ाघाट पहुंचा। वहां उसने वाहन स्टैंड पर स्कूटर खड़ा किया और आसपास घूमने लगा। ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसकी स्थिति देखकर परिजनों को सूचना दी। पिता और बड़ी बहन मौके पर पहुंचे और उसे घर ले जाने का प्रयास किया, लेकिन उज्जवल ने मना कर दिया। बाद में पुलिसकर्मियों ने उसे बस में बैठाया, जिसके पीछे-पीछे पिता और बहन स्कूटी से चल रहे थे।
भेड़ाघाट चौराहे पर बस रुकते ही उज्जवल नीचे उतरा। उसने पिता से पानी मांगा और जैसे ही पिता पानी लेने गए, वह मौके से अचानक गायब हो गया। इसके बाद परिवार ने काफी तलाश की, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। उसी दिन थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
बहनों ने उठाया खोज का बीड़ा
उज्जवल के न मिलने पर बहनों ने खुद ही भाई को खोजने का संकल्प लिया। शिवानी और रागनी अब तक जबलपुर, नरसिंहपुर, कटनी, मंडला और भोपाल सहित कई जिलों में तीन हजार से ज्यादा पोस्टर चिपका चुकी हैं। सोशल मीडिया और अखबारों का सहारा लेकर भी उन्होंने भाई की तलाश जारी रखी है।
छोटी बहन रागनी कहती हैं, “हम रोज उम्मीद करते हैं कि कहीं से कोई खबर मिलेगी। लेकिन अब तक कोई सुराग हाथ नहीं आया। सरकार और प्रशासन से भी मदद मांगी, पर सब तरफ से निराशा ही मिली।”
बेबस बहनों ने ज्योतिषियों और बाबाओं की शरण भी ली। किसी ने कहा कि उज्जवल पूर्व दिशा में है, तो किसी ने पश्चिम का इशारा किया। कोई 10 दिन का समय देता तो कोई 12 दिन में लौटने की बात कहता। लेकिन डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी यह भविष्यवाणियां केवल भ्रम ही साबित हुईं।
अब दोनों बहनों ने भाई को खोजने वाले के लिए इनाम की घोषणा भी की है। उन्होंने हर पोस्टर पर लिखा है कि जो भी उज्जवल के बारे में जानकारी देगा, उसे 21 हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा।
पूरा परिवार ग़मगीन
माता-पिता अपने बेटे की वापसी की राह ताक रहे हैं। बहनें सुबह से रात तक अलग-अलग मोहल्लों और जिलों में पोस्टर चिपकाने का काम कर रही हैं। रक्षाबंधन पर जहां बाकी बहनों ने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी, वहीं शिवानी और रागनी अपनी राखियां हाथ में लिए सिर्फ यही दुआ मांगती रहीं कि उनका भाई सुरक्षित घर लौट आए।