जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
खंडवा जिले में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया है। गुरुवार शाम पंधाना थाना क्षेत्र के जामली गांव के पास डैम के बैकवॉटर में ट्रैक्टर-ट्रॉली पलट गई थी, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई। शुक्रवार को सभी मृतकों का गांव में अंतिम संस्कार किया गया। जिन रास्तों पर एक दिन पहले तक डीजे की धुन पर युवा नाचते-गाते नजर आ रहे थे, वहीं अब सिर्फ रोते-बिलखते परिवार और गमगीन माहौल दिख रहा है।
इस हादसे में जिनकी जान गई, उनमें 8 साल की चंदा भी शामिल थी। उसका शव सबसे आखिर में पानी से निकाला गया। घर में चंदा की दो छोटी बहनें हैं। मासूम बहनें अब भी खेलते हुए चंदा के शव के पास मंडराती रहीं, उन्हें यह तक पता नहीं कि उनकी बड़ी बहन अब कभी लौटकर नहीं आएगी। गांव के लोग इस दृश्य को देखकर भावुक हो उठे।
संवेदनशील हालात को देखते हुए पाडलफाटा गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। एडिशनल एसपी महेंद्र तारणेकर और डीएसपी हेडक्वार्टर अनिल सिंह चौहान खुद मौके पर मौजूद हैं और लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। पंधाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से शवों को एम्बुलेंस के जरिए गांव लाया गया और फिर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू की गई।
नेताओं का दौरा, सीएम का आगमन प्रस्तावित
घटना के बाद राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, भाजपा जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह तोमर, विधायक छाया मोरे, नारायण पटेल और कंचन तनवे मृतकों के परिजनों से मिले और संवेदना व्यक्त की। कांग्रेस जिलाध्यक्ष उत्तमपाल सिंह पुरनी और जिला पंचायत सदस्य मनोज भरतकर भी गांव पहुंचे।
शाम 5 बजे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गांव पहुंचेंगे और परिजनों से मुलाकात करेंगे। इस बीच प्रशासन ने गांव के बाहर हेलिपैड बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि इस पर ग्रामीणों ने नाराजगी जताई। उनका कहना था कि अगर सड़कें इतनी आसानी से बनाई जा सकती थीं तो हादसे से पहले क्यों नहीं बनाई गईं। ग्रामीणों का गुस्सा शांत कराने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
पीड़ित परिवारों को मदद का भरोसा
मंत्री विजय शाह ने मृतकों के घर-घर जाकर मुलाकात की और हर संभव मदद का भरोसा दिया। उन्होंने खंडवा मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक से फोन पर बात कर घायलों का हालचाल लिया और जरूरत पड़ने पर उन्हें इंदौर रेफर करने के निर्देश दिए। इसके अलावा मृतकों के परिवार की बेटियों सोनू और पिंकी खरते को अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के छात्रावास में एडमिशन दिलाने की घोषणा भी की।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नई दिल्ली से ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि मृतकों के परिजनों को तत्काल 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए और घायलों के समुचित इलाज की व्यवस्था हो।
दुख की घड़ी में गांव का माहौल
गांव में हर तरफ मातम पसरा हुआ है। मृतकों के परिजन एक-दूसरे का सहारा बनकर खड़े हैं। 20 साल के गणेश का अंतिम संस्कार भी आज किया गया। गणेश के मामा काशीराम ने बताया कि हादसे की खबर मिलते ही पूरा परिवार गांव पहुंचा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। गणेश का छोटा भाई भी घायल है और उसका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है।