जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के राजा भोज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की, जब यहां पहली बार एयरफोर्स के कोड-ई बोइंग 777-300ER विमान की सफल ट्रायल लैंडिंग करवाई गई। यह पहली बार है जब मध्य प्रदेश में इतने बड़े एयरक्राफ्ट की लैंडिंग संभव हुई है। इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने के लिए एयरपोर्ट अधिकारियों और सुरक्षा बलों की टीमें तैनात थीं।
इस ट्रायल में सफलतापूर्वक उतरा विमान एयर इंडिया का था, लेकिन इसका संचालन भारतीय वायुसेना (IAF) द्वारा किया जाता है। यही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपनी लंबी विदेश यात्राओं के लिए इसी श्रेणी के एयर इंडिया वन विमान का उपयोग करते हैं। यह विमान अपनी विशालता, उड़ान क्षमता और सुरक्षा उपायों के चलते विश्वस्तरीय श्रेणी में आता है।
17 घंटे बिना रुके उड़ान भरने की क्षमता!
बोइंग 777-300ER को लंबी दूरी की उड़ानों के लिए खास तौर पर डिजाइन किया गया है। यह विमान एक बार में 17 घंटे तक उड़ान भर सकता है, यानी दिल्ली से न्यूयॉर्क जैसी लंबी दूरी भी बिना रीफ्यूलिंग के तय कर सकता है। इसकी फ्यूल कैपेसिटी भी अधिक होती है, जिससे यह पुराने बोइंग 747 से अधिक दूरी तय कर सकता है। इस विमान में न सिर्फ बेहतरीन सेल्फ-डिफेंस इक्विपमेंट हैं, बल्कि यह दुनिया के सबसे शक्तिशाली इंजन GE90-115BL से लैस है। इसके अलावा इसमें इंटीग्रेटेड डिफेंसिव इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट (AIDEWS) तकनीक है, जो इसे किसी भी इलेक्ट्रॉनिक हमले से बचाने में सक्षम बनाती है। इसमें लगे लार्ज एयरक्राफ्ट इंफ्रारेड काउंटरमेजर्स (LAICRM) सेल्फ-प्रोटेक्शन सिस्टम के जरिए यह विमान किसी भी मिसाइल हमले को डिटेक्ट कर उसे जाम कर सकता है। यही कारण है कि इसका उपयोग VVIP यात्राओं के लिए किया जाता है।
जानकारी के लिए बता दें, भोपाल एयरपोर्ट पर इस ट्रायल लैंडिंग के सफल होने के बाद अब राजधानी से लंबी दूरी की हवाई सेवाओं का मार्ग प्रशस्त हो गया है। एयरपोर्ट डायरेक्टर रामजी अवस्थी के अनुसार, भोपाल में अब तक अधिकतम A321 विमानों का ही संचालन होता था, जिनका विंगस्पैन 34 मीटर होता है, लेकिन बोइंग 777-300ER का विंगस्पैन 64.8 मीटर और लंबाई 74 मीटर है।
यह विमान एक बार में 325 से 400 यात्रियों को ले जाने की क्षमता रखता है, जबकि भोपाल एयरपोर्ट पर पहले अधिकतम 232 यात्रियों वाले विमान ही संचालित होते थे। इस सफलता के बाद एयरपोर्ट की तकनीकी क्षमताओं को अपग्रेड कर कैटेगरी-7 से कैटेगरी-9 तक बढ़ा दिया गया है, जिससे भविष्य में भी बड़े विमानों की लैंडिंग संभव हो सकेगी।फिलहाल भोपाल एयरपोर्ट पर अधिकतम A321 विमानों का संचालन होता था, लेकिन अब नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से विशेष अनुमति मिलने के बाद, यहां वीवीआईपी बोइंग 777-300ER विमान को सीमित टेक-ऑफ वर्जन के साथ संचालित किया जा सकेगा।