जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश के कई जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। जलमग्न इलाकों में फंसे हजारों लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए राज्य सरकार ने युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को होमगार्ड मुख्यालय स्थित स्टेट कमांड सेंटर पहुंचकर आपदा प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि नागरिकों की जान और माल की रक्षा सर्वोपरि है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि संकट की इस घड़ी में सभी विभाग समन्वय बनाकर तेजी से काम करें और प्रभावित लोगों तक हर संभव सहायता पहुँचाई जाए। इस दौरान उन्होंने राज्य भर में चल रहे राहत अभियानों की लाइव मॉनिटरिंग की और विभिन्न जिलों में तैनात रेस्क्यू टीमों से सीधे संवाद कर हालात की जानकारी ली।
तीन दिन में 2900 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया
राज्य में पिछले तीन दिनों से मूसलाधार बारिश का दौर जारी है, जिससे कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। प्रशासन की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 2900 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा चुका है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जिला प्रशासन, पुलिस बल, होमगार्ड्स और आपदा प्रबंधन दल सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं।
हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट की भी तैयारी
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि यदि कहीं नाव से रेस्क्यू संभव न हो, तो सरकार हेलीकॉप्टर से भी एयरलिफ्ट करने की व्यवस्था करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी परिस्थिति में नागरिकों को अकेला नहीं छोड़ा जाएगा। प्रशासनिक अमले को बाढ़ के पानी में फंसे नागरिकों के रेस्क्यू और उनके भोजन, दवा, निवास और अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु पूर्ण समर्पण और तत्परता से काम करने का निर्देश दिया गया है।
नुकसान का सर्वे और राहत पैकेज जल्द
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को यह निर्देश भी दिया कि जलस्तर कम होते ही तुरंत नुकसान का सर्वे कराया जाए। जिन नागरिकों के घर, खेत, मवेशी या अन्य संपत्तियाँ प्रभावित हुई हैं, उन्हें सरकारी सहायता पहुंचाने के लिए आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर भेजें। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार प्रत्येक बाढ़ पीड़ित को समुचित मुआवजा देगी।
मददगारों को मिलेगा सम्मान
मुख्यमंत्री ने उन लोगों की सराहना की जिन्होंने मुश्किल हालात में लोगों की जान बचाने में प्रशासन की मदद की। उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसे साहसी और परोपकारी लोगों की सूची तैयार की जाए, जिन्हें स्वतंत्रता दिवस जैसे अवसरों पर सम्मानित किया जा सके। यह कदम समाज में सहयोग और संवेदनशीलता की भावना को और अधिक बल देगा।
लाइव रेस्क्यू ऑपरेशन्स की समीक्षा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुना, दतिया, अशोकनगर, शिवपुरी, सागर, दमोह, छतरपुर, विदिशा और रायसेन जैसे ज़िलों में हो रहे लाइव रेस्क्यू ऑपरेशन्स का सीधे अवलोकन किया और जिला कलेक्टर्स से बाढ़ की स्थिति की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि सभी कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे सक्रिय रहें, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।
नागरिकों से अपील: सतर्क रहें, सहयोग करें
प्रदेशवासियों से भी मुख्यमंत्री ने सावधानी बरतने की अपील की। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति तेज बहाव वाले पुल-पुलियों से आवागमन न करे, न ही नदी-नालों में उतरने की कोशिश करे। उन्होंने बिजली विभाग को निर्देश दिए कि करंट फैलने से बचाव के लिए खुले तारों को तुरंत व्यवस्थित करें।
कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों को भी सावधानी बरतने की सलाह दी गई है, क्योंकि अत्यधिक वर्षा से इनके गिरने का खतरा बना रहता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रेस्क्यू किए गए नागरिकों को सुरक्षित और साफ-सुथरे स्थानों पर रखा जाए और उनके लिए भोजन, कपड़े, दवा, स्वच्छ जल आदि की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे बताए संवेदनशील
मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों के लिए अगले 24 घंटे अत्यधिक संवेदनशील बताए हैं। नर्मदापुरम्, हरदा, गुना, शिवपुरी, रायसेन, विदिशा, सीहोर, भोपाल, छिंदवाड़ा और ग्वालियर जैसे जिलों में अत्यधिक भारी से लेकर भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है। ऐसे में सभी संबंधित जिलों को हाई अलर्ट पर रहने और राहत कार्यों के लिए पूरी तरह से तैयार रहने को कहा गया है।
आपदा से निपटने को सरकार है मुस्तैद
राज्यस्तरीय कमांड सेंटर और जिला स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष पूरी तरह सक्रिय हैं और लगातार सेना, प्रशासन एवं मौसम विभाग के साथ समन्वय में कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार हर परिस्थिति का सामना करने को पूरी तरह तैयार है और हर नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है।