जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश सरकार ने अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए सोयाबीन खरीफ भावांतर भुगतान योजना का पंजीयन शुरू करने का ऐलान किया है। पंजीयन की प्रक्रिया 3 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक चलेगी। किसान इस दौरान ई-उपार्जन पोर्टल, पैक्स, सीएससी सेंटर और एमपी किसान ऐप के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे।
कब और कैसे बेच पाएंगे किसान सोयाबीन
पंजीयन कराने वाले किसान 24 अक्टूबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक अपनी उपज बेच सकेंगे। सरकार का उद्देश्य है कि किसानों को समर्थन मूल्य और बाजार मूल्य के बीच के अंतर की भरपाई समय पर मिल सके।
मुख्य सचिव ने दिए निर्देश
गुरुवार को मंत्रालय में हुई बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन ने अधिकारियों से कहा कि किसानों तक योजना की पूरी जानकारी पहुंचे और उन्हें समय पर लाभ मिले। इसके लिए गांव-गांव और मंडी स्तर तक अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही व्यापारियों के स्टॉक का रियल टाइम वेरिफिकेशन करने पर भी जोर दिया गया है, ताकि गड़बड़ियों को रोका जा सके।
इस तरह होगी योजना का प्रचार-प्रसार
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3 अक्टूबर को सभी कृषि उपज मंडियों में होर्डिंग्स और बैनर लगाए जाएंगे।
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किसानों और व्यापारियों को वॉट्सऐप और एसएमएस अलर्ट भेजे जाएंगे।
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3 से 5 अक्टूबर तक जिले स्तर पर कलेक्टर, सांसद, विधायक और किसान प्रतिनिधियों की बैठकें होंगी।
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योजना की जानकारी के लिए ट्रैक्टर और मोटरसाइकिल रैली भी निकाली जाएगी।
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15 अक्टूबर तक सभी मंडियों में भावांतर सहायता डेस्क शुरू हो जाएगी।
पारदर्शिता के लिए सख्त व्यवस्था
हर मंडी में एक नोडल अधिकारी तैनात रहेगा, जो व्यापारियों के स्टॉक का रियल टाइम वेरिफिकेशन करेगा। इसके अलावा मंडी में मॉडल रेट की निगरानी भी होगी, ताकि अनावश्यक दाम गिराने जैसी स्थिति न बने। किसानों को भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में किया जाएगा।
स्वच्छता अभियान भी शुरू
इसी बीच, प्रदेश में स्वच्छता अभियान की शुरुआत भी 2 अक्टूबर से कर दी गई है, जो 31 अक्टूबर तक चलेगा। इस दौरान सरकारी दफ्तरों में कबाड़ हटाने और ग्राम पंचायतों में विशेष सभाएं करने के निर्देश दिए गए हैं। इन सभाओं में किसानों को भावांतर योजना की जानकारी देने के साथ-साथ उनके लंबित प्रकरणों का भी निराकरण किया जा रहा है।
किसानों के लिए यह योजना न केवल आर्थिक राहत का साधन है, बल्कि आने वाले खरीफ सीजन में आत्मविश्वास भी बढ़ाएगी।