जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
गुवाहाटी में आयोजित “इन्वेस्टमेंट अपॉर्च्युनिटीज इन मध्यप्रदेश” सेशन के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने असम के उद्योगपतियों और निवेशकों से कहा कि मध्यप्रदेश सिर्फ देश का भौगोलिक दिल नहीं, बल्कि संस्कृति, ऊर्जा और संभावनाओं का भी केंद्र है। उन्होंने कहा — “हमारा प्रदेश नदियों का मायका है, बाघों की भूमि है, और भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा का स्थल भी। यहां धर्म, पर्यटन और उद्योग — सब एक साथ फल-फूल रहे हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश और असम का संबंध 5 हजार साल पुराना है। उन्होंने श्रीकृष्ण और माता रुक्मिणी के विवाह प्रसंग का उल्लेख करते हुए बताया कि इन दोनों राज्यों को आध्यात्मिक धरोहरों ने जोड़ा है। उन्होंने कहा, “जहां असम में कामाख्या शक्तिपीठ, वहीं मध्यप्रदेश में कालों के काल भगवान महाकाल विराजमान हैं। ये दोनों राज्य भारतीय संस्कृति की आत्मा हैं।”
निवेश के लिए आदर्श प्रदेश
डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश की भौगोलिक स्थिति, प्रचुर बिजली-पानी, कुशल श्रमिक और बेहतर लॉजिस्टिक्स कनेक्टिविटी इसे निवेश के लिए आदर्श प्रदेश बनाते हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार उद्योगों के लिए कई प्रोत्साहन दे रही है, जिनमें —
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रोजगार आधारित उद्योगों के लिए प्रति श्रमिक ₹5000 सब्सिडी,
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बिजली, पानी और कनेक्टिविटी पर विशेष सुविधा,
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और सिंगल विंडो सिस्टम से मात्र 30 दिन में उद्योग शुरू करने की अनुमति शामिल है।
मुख्यमंत्री ने असम के उद्योगपतियों से आग्रह किया — “आप मध्यप्रदेश आएं, यहां का माहौल पारदर्शी है, संभावनाएं अनंत हैं, और सरकार हर कदम पर सहयोगी है।”
पीएम मित्र टेक्सटाइल पार्क बना निवेश का आकर्षण
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 17 सितंबर को मध्यप्रदेश में देश के पहले और सबसे बड़े “पीएम मित्र टेक्सटाइल पार्क” का भूमिपूजन किया गया है।
यह पार्क टेक्सटाइल उद्योग के लिए एक मेगा अवसर है। उन्होंने कहा कि निवेशक चाहे इस पार्क में या प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में उद्योग लगाना चाहें, सरकार हर स्तर पर मददगार रहेगी।
बाघ और गैंडा — पर्यावरणीय साझेदारी का प्रस्ताव
डॉ. यादव ने कहा कि जैसे मध्यप्रदेश बाघों की भूमि है, वैसे ही असम गैंडों का घर है। दोनों राज्य मिलकर वन्य जीवों के संरक्षण में साझेदारी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश असम को घड़ियाल, गौर और मगरमच्छ, जबकि असम हमें गैंडा दे सकता है। “जिस तरह हमने अफ्रीकी चीता पुनर्वास परियोजना सफल की, उसी तरह प्रजातियों का आदान-प्रदान कर दोनों राज्य अपने वनों को समृद्ध बना सकते हैं।”
मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश आज देश में बिजली उत्पादन के मामले में अग्रणी है।
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दिल्ली की मेट्रो ट्रेनें मध्यप्रदेश की बिजली से चल रही हैं।
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राज्य में विंड और सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 2030 तक राज्य की 50% ऊर्जा नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त होगी।
उद्योगों को मिल रही हैं नई रफ्तार
राज्य में उद्योगों के लिए —
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एक लाख एकड़ का लैंड बैंक,
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ग्रीन एनर्जी,
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फूड प्रोसेसिंग, फार्मा, टेक्सटाइल, लेदर और प्लास्टिक पार्क जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
प्रमुख सचिव राघवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि 18 नई औद्योगिक नीतियां लागू की गई हैं और 5100 करोड़ रुपए की सब्सिडी एमएसएमई इकाइयों को दी जा चुकी है।
निवेशकों ने दिखाई रुचि, दिए प्रस्ताव
सेशन में असम और पूर्वोत्तर के उद्योगपतियों ने मध्यप्रदेश में निवेश के प्रति गहरी रुचि दिखाई।
मुख्यमंत्री ने उनसे वन-टू-वन चर्चा की, जिसमें कई कंपनियों ने निवेश प्रस्ताव दिए —
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GERD फार्मास्युटिकल्स ने हाइजीन प्रोडक्ट यूनिट लगाने का प्रस्ताव दिया,
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लोहिया ग्रुप ने प्लास्टिक और पैकेजिंग यूनिट की योजना रखी,
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असम बंगाल नेविगेशन ने नर्मदा और चंबल नदियों पर ईको-लॉज और रिवर क्रूज प्रोजेक्ट्स की बात कही,
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जबकि स्टार सीमेंट लिमिटेड ने मध्यप्रदेश में सीमेंट प्लांट और लॉजिस्टिक हब स्थापित करने की घोषणा की।
असम और म.प्र. के बीच मजबूत होते रिश्ते
असम फिक्की के अध्यक्ष डॉ. घनश्याम धानुका ने कहा कि मध्यप्रदेश आज पारदर्शी नेतृत्व और औद्योगिक नीतियों से निवेशकों का भरोसा जीत रहा है। फिक्की के सह-अध्यक्ष जॉयदीप गुप्ता ने कहा — “मध्यप्रदेश देश का दिल है और असम भारत का आर्थिक द्वार। दोनों राज्यों के बीच पारदर्शी और प्रगाढ़ रिश्ते नई संभावनाओं को जन्म देंगे।”
“मध्यप्रदेश – अनंत संभावना” फिल्म ने बढ़ाया आकर्षण
सेशन के दौरान “मध्यप्रदेश–अनंत संभावना” शीर्षक से एक लघु ऑडियो-वीडियो फिल्म भी प्रदर्शित की गई, जिसमें राज्य की औद्योगिक प्रगति, पर्यटन, लॉजिस्टिक्स, और ग्रीन एनर्जी के मॉडल्स को दर्शाया गया। कार्यक्रम में असम के प्रमुख उद्योगपति, निवेशक और मध्यप्रदेश शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।