जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश में मानसून अब कहर बनकर बरस रहा है। प्रदेश में इस वक्त बारिश का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव है, जिसने कई जिलों को अपनी चपेट में ले लिया है। शुक्रवार को छतरपुर, टीकमगढ़, सतना, गुना समेत कई जिलों में हालात बेकाबू हो गए। कई गांव पूरी तरह पानी में डूब गए, और डैम खतरे के निशान से ऊपर बहने लगे। सड़कों पर पानी, खेतों में तबाही और लोगों के घरों में घुसता सैलाब — ये सब अब एक आम तस्वीर बन गई है।
शिवपुरी में स्कूल बंद हैं, ग्वालियर समेत 16 जिलों में अलर्ट
स्थिति इतनी गंभीर है कि शिवपुरी में शनिवार को भी स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी गई है। मौसम विभाग ने ग्वालियर, छतरपुर, दमोह, कटनी, पन्ना, सागर, सतना, टीकमगढ़, अशोकनगर, दतिया, गुना, मुरैना, राजगढ़, श्योपुर, शिवपुरी और विदिशा जैसे 16 जिलों को बाढ़ संभावित क्षेत्र घोषित किया है। शुक्रवार को इन जिलों में तेज बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। ग्रामीण इलाकों में हालात और भी खतरनाक हैं — कई गांवों का शहरों से संपर्क टूट चुका है और राहत टीमों को मोटरबोट से पहुंचना पड़ रहा है।
शनिवार को 14 जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि शनिवार को भी 14 जिलों में भारी बारिश का खतरा बरकरार रहेगा। इनमें ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर, नीमच, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ, आगर-मालवा, राजगढ़, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, डिंडौरी और अनूपपुर शामिल हैं। यहां अगले 24 घंटों में 110 मिमी (यानी लगभग 4.5 इंच) तक बारिश हो सकती है, जो फिर से बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर सकती है। पहाड़ी और नदी किनारे बसे गांवों में खतरे की आशंका सबसे ज्यादा है।
क्या कहता है मौसम विभाग?
मौसम वैज्ञानिक का कहना है कि प्रदेश से एक मानसून टर्फ लाइन गुजर रही है, साथ ही बंगाल की खाड़ी से उठे डिप्रेशन का प्रभाव भी है। इन दोनों वजहों से बारिश का दबाव बहुत अधिक बना हुआ है, जिससे शुक्रवार को कई जिलों में अति भारी वर्षा दर्ज की गई। शनिवार को यह सिस्टम कुछ हद तक कमजोर होगा, लेकिन कई जिलों में भारी बारिश की संभावना बनी रहेगी।
इस साल बारिश का आंकड़ा चौंकाने वाला
इस मानसूनी सीजन में मध्यप्रदेश में औसतन 20.1 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि सामान्य तौर पर इस समय तक 11.8 इंच बारिश ही होती है। यानी इस बार 8.3 इंच ज्यादा पानी बरस चुका है। यह सामान्य से करीब 70% अधिक वर्षा है। खास बात यह भी है कि इस बार पूर्वी मध्यप्रदेश में मानसून अधिक सक्रिय रहा है, जिससे सीधी, शहडोल, सिंगरौली, डिंडौरी और अनूपपुर जैसे जिलों में अत्यधिक वर्षा हुई है।
नदियों का उफान और डैम ओवरफ्लो की स्थिति
प्रदेश की कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। चंबल, बेतवा, केन और नर्मदा जैसी नदियों में उफान है। कई डैम जैसे राजघाट, बाणसागर, बरगी और गांधीसागर में पानी खतरे की सीमा को पार कर चुका है और ओवरफ्लो की स्थिति बन गई है। डैम गेट खोले जाने से आसपास के गांवों को अलर्ट पर रखा गया है।
लोगों से अपील – सतर्क रहें, अफवाहों से बचें
प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से लोगों से अपील की गई है कि वे नदी किनारे या डूब क्षेत्रों में न जाएं, और स्थानीय अधिकारियों द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें। कई जगहों पर रेस्क्यू टीम्स और एनडीआरएफ की तैनाती की जा चुकी है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत शिविर बनाए गए हैं और राहत सामग्री भेजी जा रही है।