एमएसएमई सेक्टर में मध्यप्रदेश की ऐतिहासिक छलांग — दो साल में 1.24 लाख नई इकाइयां, महिला उद्यमिता में 15% से ज़्यादा वृद्धि

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। एमएसएमई मंत्री चेतन्य कुमार काश्यप ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में इस क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।

भारत सरकार के उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल के अनुसार अब तक 20 लाख से अधिक MSME यूनिट पंजीकृत हो चुकी हैं, जबकि उद्यम सहायता पोर्टल पर लगभग 23 लाख इकाईयां स्थापित हैं। इस तरह कुल पंजीकृत और स्थापित इकाइयों की संख्या 43 लाख 32 हजार से अधिक हो गई है। इस उपलब्धि के साथ मध्यप्रदेश देश के शीर्ष छह राज्यों में शामिल हो गया है।

पंजीकरण में वृद्धि और महिला उद्यमिता

पिछले दो वर्षों में MSME इकाइयों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 4,55,279 इकाइयां पंजीकृत हुई थीं, जो 2024-25 में बढ़कर 5,79,558 हो गईं। यह 1,24,279 इकाइयों की वृद्धि दर्शाता है।

मंत्री चेतन्य कुमार काश्यप ने बताया कि महिला उद्यमिता में भी पिछले दो वर्षों में 15% से अधिक वृद्धि दर्ज की गई है, जो प्रदेश में महिलाओं की आर्थिक भागीदारी को बढ़ावा दे रही है।

नई MSME नीतियों का प्रभाव

एमएसएमई मंत्री ने बताया कि फरवरी 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित नवीन MSME नीति-2025 और स्टार्टअप नीति-2025 ने प्रदेश में उद्यम स्थापना की प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बना दिया है। इन पहलों ने उद्योगपतियों और नवोदित उद्यमियों का भरोसा बढ़ाया है।

विशेषज्ञों के अनुसार इन नीतियों के कारण औद्योगीकरण की प्रक्रिया में तेजी आई है, जिससे रोजगार, स्थानीय निवेश और आत्मनिर्भरता तीनों को गति मिली है।

मध्यप्रदेश सरकार का लक्ष्य 2026 तक 25 लाख MSME इकाइयों का आंकड़ा पार करना है, जिससे लगभग 5 लाख नए रोजगार सृजित होने की संभावना है।

मंत्री काश्यप ने कहा, “यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि प्रदेश के प्रत्येक जिले में बढ़ती औद्योगिक आत्मनिर्भरता और उद्यमशीलता का प्रतीक है। ‘मेक इन इंडिया’, ‘वोकल फॉर लोकल’, ‘एक जिला, एक उत्पाद’ जैसी योजनाओं को प्रदेश में प्रभावी रूप से लागू किया जा रहा है।”

मध्यप्रदेश MSME सेक्टर में तेजी से उभर रहा है। इस दिशा में राज्य सरकार की नीतियां, सुविधाएं और उद्यमियों के लिए आसान प्रक्रियाएं एक मजबूत आधार तैयार कर रही हैं, जिससे प्रदेश की आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन की संभावनाएं और भी मजबूत हो रही हैं।

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