जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश के धार जिले के भैंसोला गाँव में स्थापित होने जा रहा देश का पहला पीएम मित्रा पार्क न सिर्फ प्रदेश बल्कि पूरे भारत के टेक्सटाइल सेक्टर के लिए ऐतिहासिक साबित होने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जानकारी दी कि पार्क के शिलान्यास से पहले ही देश की 114 अग्रणी टेक्सटाइल कंपनियों से 23 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं।
इनमें से 91 कंपनियों के आवेदन स्वीकृत कर लिए गए हैं और लगभग 1,294 एकड़ भूमि का आवंटन किया जा चुका है। खास बात यह है कि सिर्फ इन्हीं कंपनियों से 20 हज़ार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिनसे शुरुआती चरण में 72 हज़ार से अधिक रोजगार मिलेंगे। वहीं, पार्क के पूरी तरह विकसित होने पर यह आंकड़ा 3 लाख रोजगार तक पहुँचने का अनुमान है। यानी यह सिर्फ निवेश नहीं, बल्कि लाखों परिवारों की जिंदगी में बदलाव लाने वाली परियोजना है।
बड़े निवेशक और उनका विज़न
पीएम मित्रा पार्क में कई दिग्गज कंपनियाँ अपनी यूनिट लगाने जा रही हैं। इनमें प्रमुख नाम हैं:
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वर्धमान टेक्सटाइल्स लिमिटेड – 2000 करोड़ का निवेश, 190 एकड़ भूमि पर इकाई।
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जैन कॉर्ड इंडस्ट्रीज प्रा.लि. – 2515 करोड़ का निवेश, 58 एकड़ भूमि।
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एबी कॉटस्पिन इंडिया लिमिटेड – 1300 करोड़ का निवेश, 45 एकड़ भूमि।
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ट्राइडेंट लिमिटेड – 4881 करोड़ का निवेश, 180 एकड़ भूमि।
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ऑरा सिक्योरिटीज प्रा.लि. – 1204 करोड़ का निवेश, 105 एकड़ भूमि।
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बेस्ट लाइफस्टाइल अपैरल प्रा.लि. – 981 करोड़ का निवेश, 75 एकड़ भूमि।
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नासा फाइबर टू फैशन प्रा.लि. – 472 करोड़ का निवेश, 30 एकड़ भूमि।
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डोनियर सिंथेटिक लि. – 220 करोड़ का निवेश, 20 एकड़ भूमि।
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महालक्ष्मी प्रोसेसिंग हाउस प्रा.लि. – 300 करोड़ का निवेश, 30 एकड़ भूमि।
इसके अलावा कमर्शियल सिन बैग्स, नावकार टेकटेक्स, शार्मनजी यार्न्स, सनातन पॉलिकॉट, फैबियन टेक्सटाइल्स, ओसीएम फ्लोरिंग, सोनिया सिंथेटिक्स, महाशक्ति टेक्सटाइल मिल्स जैसी कंपनियाँ भी बड़े स्तर पर निवेश कर रही हैं।
इन प्रस्तावों से पार्क में यार्न से लेकर फैब्रिक और गारमेंट उत्पादन तक की संपूर्ण वैल्यू चेन तैयार होगी। यानी कच्चा माल, उत्पादन और तैयार माल – सब कुछ यहीं होगा। इससे न केवल लागत कम होगी, बल्कि मध्यप्रदेश का टेक्सटाइल उद्योग वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी भी बनेगा।
भूमि आवंटन की प्रक्रिया भी तेजी से चल रही है। कुल 2158 एकड़ भूमि में से लगभग 1300 एकड़ पहले ही आवंटित हो चुकी है और शेष भूमि भी जल्द उद्योगों को दी जाएगी। भूमि पूजन के बाद उद्योगों के निर्माण कार्य शुरू हो जाएंगे और निवेश का असर जल्दी ही ज़मीन पर दिखाई देगा।