जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश में मानसून एक बार फिर पूरे वेग से सक्रिय हो गया है और इसका असर अब जनजीवन पर साफ नजर आने लगा है। राज्य के कई जिलों में पिछले 24 घंटों के दौरान मूसलधार बारिश हुई, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। मौसम विभाग ने आने वाले 48 घंटों के लिए राज्य के 20 जिलों में अति भारी बारिश और 12 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। हालात को देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट मोड पर काम शुरू कर दिया है।
24 घंटे में रीवा में सबसे ज्यादा बारिश, ग्वालियर, जबलपुर, सतना भी भीगे
बीते 24 घंटे में सबसे ज्यादा 3.7 इंच बारिश रीवा में दर्ज की गई। इसके अलावा ग्वालियर में ढाई इंच, खजुराहो में 1.9 इंच, जबलपुर में 1.6 इंच, मंडला में 1.4 इंच, टीकमगढ़ में 1.2 इंच और सतना में 1 इंच पानी गिरा। दतिया, बालाघाट, उमरिया, सागर, नर्मदापुरम, गुना, मऊगंज और सीहोर जैसे जिलों में भी रुक-रुक कर तेज बारिश जारी है।
हरसी बांध ओवरफ्लो, 20 गांवों में पानी घुसने का खतरा
शिवपुरी और ग्वालियर की सीमा पर स्थित हरसी बांध पूरी तरह भर गया है और अब ओवरफ्लो हो रहा है। इससे बांध के आसपास के करीब 20 गांवों में पानी घुसने का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन ने इन क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी है और लोगों से निचले इलाकों से दूर रहने की अपील की है।
मौसम विभाग ने सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट और पांढुर्णा जैसे जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन इलाकों में अगले दो दिन भारी से अति भारी बारिश हो सकती है, जिससे नदी-नाले उफान पर आ सकते हैं और निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन सकती है।
विदिशा, रायसेन, सीहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, दतिया, ग्वालियर और मुरैना में सामान्य से लेकर भारी बारिश की संभावना है। नर्मदापुरम और ग्वालियर-चंबल संभाग में विशेष निगरानी की जा रही है।
राजधानी भोपाल में भी तेज बारिश का सिलसिला जारी है। बड़ा तालाब समेत अन्य जलस्रोतों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रशासन ने निचले इलाकों के लोगों को सतर्क रहने और आवश्यकतानुसार ऊंचे स्थानों पर जाने की अपील की है।
क्या है बारिश का कारण?
मौसम विभाग का कहना है कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आ रही भारी नमी के कारण प्रदेश में मानसूनी सिस्टम पूरी तरह सक्रिय हो गया है। इसका प्रभाव अगले 48 घंटों तक सबसे ज्यादा भोपाल, इंदौर, ग्वालियर-चंबल और नर्मदापुरम संभाग में देखने को मिलेगा।