जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश में मानसून इस बार कहर बरपा रहा है। बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश के कई जिलों में जमकर बारिश और आंधी-तूफान का दौर देखने को मिला। रतलाम और गुना जिलों में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई, जहां श्योपुर में 2.8 इंच और गुना में 2.7 इंच पानी गिरा। प्रदेश के इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में भी बादल जमकर बरसे और यहां 1.2 इंच बारिश दर्ज हुई। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, नर्मदापुरम, रतलाम, शिवपुरी, खरगोन, टीकमगढ़, रायसेन, मंडला, सागर, उमरिया, दतिया, छिंदवाड़ा, बैतूल, बालाघाट, शाजापुर, देवास, सीहोर, विदिशा, आगर-मालवा और राजगढ़ समेत कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश का सिलसिला लगातार जारी है।
बारिश की वजह से हालात कई जगह भयावह होते जा रहे हैं। शिवपुरी जिले में अटल सागर मड़ीखेड़ा बांध का जलस्तर तेजी से बढ़ जाने पर सोमवार सुबह साढ़े 6 बजे इसके 6 गेट खोलने पड़े। इससे करीब 1500 क्यूमेक पानी छोड़ा जा रहा है। वहीं श्योपुर जिले के विजयपुर में क्वारी नदी का जलस्तर बढ़ने से आगरा जाने वाला मुख्य रास्ता पूरी तरह बंद हो गया है। बड़ौदा में हालात बाढ़ जैसे हैं। यहां दुकानों, मकानों और यहां तक कि अस्पतालों तक में पानी भर गया है। शिवपुरी के रन्नौद क्षेत्र में भी लगातार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है और कई घरों में पानी घुस चुका है।
प्रदेशभर में अलग-अलग जगहों पर सक्रिय मौसम प्रणालियों का असर साफ नजर आ रहा है। नदी-नाले उफान पर हैं, जगह-जगह सड़कें पानी में डूबी हैं और कई इलाकों में यातायात पूरी तरह प्रभावित हुआ है। अब तक शहडोल का बाणसागर डैम, जबलपुर का बरगी डैम, टीकमगढ़ का बान सुजारा बांध, ग्वालियर का तिघरा डैम, खजुराहो का रनगुवां बांध और उमरिया का जोहिला डैम भी पूरी तरह भर चुके हैं और इनके गेट खोल दिए गए हैं।
इधर मौसम विभाग ने सोमवार को ग्वालियर, चंबल, सागर, भोपाल और उज्जैन संभाग में मौसम के फिर बिगड़ने की चेतावनी दी है। आज यानी 14 जुलाई को प्रदेश के 45 जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया गया है। यहां अगले 24 घंटों में 8 इंच तक भारी बारिश होने की संभावना है। अभी तक प्रदेश में सामान्य से 75% ज्यादा बारिश हो चुकी है। 1 जून से 12 जुलाई तक एमपी में 239.8 मिमी की अपेक्षा 420.3 मिमी पानी गिर चुका है, जो सामान्य आंकड़ों को चौंकाने वाला है।
सोमवार को भोपाल, रायसेन, सीहोर, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, उज्जैन, देवास, शाजापुर, रतलाम, नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, राजगढ़, विदिशा, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी और श्योपुर में अति भारी बारिश का अलर्ट जारी है। वहीं ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, उमरिया, शहडोल, सागर, रायसेन, सीहोर, शाजापुर, देवास, इंदौर, उज्जैन, रतलाम, झाबुआ, धार और अलीराजपुर में भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
इस पूरे हालात के पीछे मानसून द्रोणिका का प्रभाव है जो इस समय सूरतगढ़, सीकर, ग्वालियर, सिद्धि, डाल्टनगंज, कोंटाई होते हुए बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है। इसके अलावा पूर्वोत्तर मध्यप्रदेश व आसपास हवा के ऊपरी हिस्से में एक चक्रवात सक्रिय है। उत्तरी हरियाणा से लेकर बंगाल की खाड़ी तक एक अन्य द्रोणिका बनी है जो दक्षिणी उत्तर प्रदेश, पूर्वोत्तर एमपी, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होकर गुजर रही है। जम्मू के पास एक पश्चिमी विक्षोभ भी द्रोणिका के रूप में सक्रिय है।
इन सभी प्रणालियों के चलते प्रदेश में अगले दो-तीन दिन यानी 17-18 जुलाई तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा। इसलिए प्रशासन की ओर से नागरिकों से अपील की जा रही है कि नदियों, नालों के किनारे न जाएं और अनावश्यक यात्रा से बचें।