जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश में इस साल मानसून ने अब तक सामान्य से अधिक बारिश दी है। राज्य में 16 जून को मॉनसून ने दस्तक दी थी और तब से अब तक औसतन 41.3 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है, जो सामान्य (37 इंच) से करीब 4.3 इंच ज्यादा है। यह आंकड़ा सामान्य से 12 प्रतिशत अधिक है। प्रदेश के 30 जिलों में बारिश का कोटा पहले ही पूरा हो चुका है, जबकि 10 जिले अब अंतिम चरण पर हैं।
भोपाल, ग्वालियर और इंदौर में धूप, कई जिलों में बूंदाबांदी
सोमवार को प्रदेश के कई हिस्सों में धूप खिली रही। भोपाल और इंदौर सहित अधिकांश जिलों में मौसम साफ रहा। वहीं, सागर में 1.25 इंच और खजुराहो में आधा इंच बारिश दर्ज की गई। छिंदवाड़ा और उमरिया में बूंदाबांदी का दौर जारी रहा। मंगलवार को भोपाल में भी सुबह से धूप निकली रही।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के अनुसार, मंगलवार को प्रदेश के किसी भी जिले में तेज बारिश की संभावना नहीं है। हालांकि, बुधवार और गुरुवार को जबलपुर संभाग के कुछ जिलों में भारी बारिश के आसार हैं। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल और नर्मदापुरम संभाग में अगले चार दिनों तक भारी बारिश का कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है।
नदियों और बांधों का हाल
नर्मदापुरम के इटारसी में तवा डैम के तीन गेट खोले गए हैं। इस सीजन में यह तीसरी बार है जब गेट खोलने पड़े। वहीं, भोपाल के बैरसिया इलाके में हाल ही में हुई नदी दुर्घटना से 12 वर्षीय बच्ची चिंको का शव 32 घंटे बाद 15 किलोमीटर दूर मिला। उनके दादा का शव घटना के कुछ घंटे बाद ही मिल गया था।
बारिश के आंकड़े
अब तक प्रदेश में जहां 33.4 इंच बारिश होना थी, वहां 41.3 इंच पानी गिर चुका है। यानी राज्य में 7.9 इंच अधिक वर्षा हुई है। इन 30 जिलों में कोटा फुल हुआ – भोपाल, राजगढ़, रायसेन, विदिशा, अलीराजपुर, बड़वानी, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, रतलाम, मंदसौर, नीमच, आगर-मालवा, भिंड, मुरैना, श्योपुर, सिंगरौली, सीधी, सतना और उमरिया।
कुछ जिलों में आंकड़े औसत से कई गुना ऊपर पहुंच चुके हैं। उदाहरण के लिए, श्योपुर जिले में अब तक 213% बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से दोगुने से भी ज्यादा है।
सितंबर के बचे दिनों में भी मानसून सक्रिय रहने की संभावना है। मौसम विभाग का अनुमान है कि प्रदेश में करीब 10 इंच और बारिश हो सकती है। यानी, इस सीजन में मध्यप्रदेश का वर्षा आंकड़ा सामान्य से काफी ऊपर जाने की पूरी संभावना है।