मध्यप्रदेश में मानसून ने पकड़ी रफ्तार: 18 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, अगले 4 दिन अति भारी वर्षा की चेतावनी!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश में इस बार मानसून ने जबरदस्त रफ्तार पकड़ी हुई है। बीते एक सप्ताह से लगातार हो रही झमाझम बारिश से प्रदेश की नदियाँ-नाले उफान पर हैं। मंगलवार को भी प्रदेश के ग्वालियर, भोपाल, इंदौर समेत 25 से अधिक जिलों में बारिश हुई। ग्वालियर में तो स्थिति ये रही कि महज 9 घंटों में ही 2.3 इंच पानी गिर गया, जिससे जगह-जगह जलभराव की स्थिति बन गई। खरगोन में डेढ़ इंच, सीधी में एक इंच और उमरिया में आधा इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की गई। शाजापुर और रायसेन में भी तेज बारिश का दौर चलता रहा। राजधानी भोपाल, दतिया, इंदौर, नर्मदापुरम, श्योपुर, शिवपुरी, मंडला, सागर, सिवनी, बालाघाट, शाजापुर, राजगढ़, सीहोर, आगर-मालवा और देवास सहित कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। हालांकि, राहत की बात यह रही कि पिछले 24 घंटों में बारिश या उससे जुड़े हादसों में किसी तरह की जनहानि की खबर नहीं आई।

मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, इस मानसूनी सीजन में अब तक मध्यप्रदेश में औसतन 18.2 इंच बारिश हो चुकी है, जो सामान्य कोटे का लगभग आधा है। खास बात यह है कि अब तक की औसत बारिश के मुकाबले यह आंकड़ा करीब 72% यानी 5.6 इंच ज्यादा है। आमतौर पर इस समय तक औसतन करीब 10.6 इंच पानी गिरता है। लेकिन कुछ जिले ऐसे भी हैं जहाँ बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। निवाड़ी जिले में महज एक महीने में ही 103% यानी 31.46 इंच पानी गिर चुका है, जबकि यहाँ की सामान्य बारिश 30.5 इंच मानी जाती है। इसके अलावा टीकमगढ़ में 91% (33 इंच), छतरपुर में 75% (28 इंच), शिवपुरी में 82% (25.3 इंच) और मंडला में 75% (35 इंच) बारिश दर्ज की जा चुकी है।

अगर प्रदेश के बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में अब तक 14.5 इंच, इंदौर में 7 इंच, ग्वालियर में 18.5 इंच, जबलपुर में 21.6 इंच और उज्जैन में 8 इंच पानी गिर चुका है। यहाँ इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों की हालत तुलनात्मक रूप से कमजोर बनी हुई है। विशेष रूप से इंदौर और उज्जैन संभाग के 15 में से 10 जिले ऐसे हैं जहाँ बारिश का आंकड़ा अब तक 10 इंच तक भी नहीं पहुँच पाया है।

प्रदेश के पूर्वी हिस्से जैसे जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग में मानसून मेहरबान रहा है। इन क्षेत्रों में सामान्य से करीब 86% अधिक पानी गिर चुका है। वहीं पश्चिमी हिस्से, जिसमें भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल और नर्मदापुरम शामिल हैं, वहाँ भी औसत से 57% ज्यादा बारिश हो चुकी है। लेकिन इंदौर और उज्जैन संभाग के कई जिलों की स्थिति अभी भी संतोषजनक नहीं है।

मौसम वैज्ञानिक के अनुसार, इस समय एक मानसून ट्रफ प्रदेश के ऊपरी हिस्से से गुजर रही है, जिससे वातावरण में नमी बनी हुई है। इसके अलावा प्रदेश के समीप लो प्रेशर एरिया भी सक्रिय है, जिसके कारण बुधवार से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। अगले 4 दिनों तक फिर से कई जिलों में मूसलधार बारिश की संभावना जताई गई है। ऐसे में प्रशासन को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि नदी-नालों के उफान से जनजीवन प्रभावित न हो और कोई बड़ा हादसा न हो पाए।

हालांकि इस सबके बीच किसानों और जलाशयों के लिए यह बारिश संजीवनी मानी जा रही है, लेकिन शहरों में जलभराव और गांवों में खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान की आशंका भी लगातार बनी हुई है। ऐसे में अब पूरे प्रदेश की नजरें आने वाले 4 दिनों के मौसम पर टिकी हुई हैं, जो तय करेगा कि यह बारिश कितनी राहत और कितनी चुनौती लेकर आती है।

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