जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
28 जुलाई से शुरू हो रहे मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र को सफल और सुचारु बनाने के लिए प्रशासन ने अपनी कमर कस ली है। इसी कड़ी में गुरुवार को मुख्य सचिव अनुराग जैन ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों के साथ अहम बैठक की। इस बैठक में सरकार की जवाबदेही को और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से 1300 से अधिक पेंडिंग आश्वासनों की समीक्षा की गई।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि अब “कार्यवाही जारी है” या “जानकारी प्राप्त की जा रही है” जैसे सामान्य जवाब नहीं चलेंगे। अब जवाब ठोस होना चाहिए — यदि किसी पर कार्रवाई हुई है तो उसका स्पष्ट उल्लेख किया जाए, और यदि कोई निर्दोष है तो वह भी सामने लाया जाए।
मुख्य सचिव ने एक नई कार्यशैली की नींव रखते हुए कहा कि यदि प्रत्येक सप्ताह इन आश्वासनों की साप्ताहिक मॉनिटरिंग की जाए, तो न केवल समय पर जवाब दे पाना संभव होगा, बल्कि जनता और विधानसभा के प्रति सरकार की जवाबदेही भी सशक्त होगी।
बैठक में राजस्व विभाग के अधिकारियों ने भी खुलकर बात रखी और बताया कि कई बार जिलों से जानकारी समय पर नहीं आती। इस पर मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि डेडलाइन आधारित सूचना तंत्र लागू किया जाए, जिससे समय रहते सूचनाएं राजधानी तक पहुँच सकें।
गौरतलब है कि वर्तमान में जिन 1300 आश्वासनों पर कार्य चल रहा है, उनमें सबसे अधिक नगरीय प्रशासन विभाग से संबंधित हैं। इसे देखते हुए अब नगरीय प्रशासन समेत सभी विभागों को कहा गया है कि वे आगामी सत्र तक लंबित आश्वासनों पर तेजी से कार्य कर उन्हें पूरा करें।