विधानसभा का मानसून सत्र गरमाया: जयवर्धन सिंह का आरोप—आदिवासियों की जमीन छीनी जा रही, सरकार ने किया खारिज!

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Bhopal: Madhya Pradesh Finance Minister Jagdish Deora presents the state budget for 2025-26 in the Assembly, in Bhopal on Tuesday, March 12, 2025. (Photo: IANS)

जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र इस बार कई वजहों से सुर्खियों में रहा — जहां एक ओर सत्ता पक्ष ने विकास और सामाजिक योजनाओं को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई, वहीं विपक्ष ने हर मोर्चे पर सरकार को घेरने की कोशिश की। सोमवार को सत्र का छठा दिन था, लेकिन पूरे सप्ताह सियासी बयानबाज़ी, विरोध-प्रदर्शन और महत्वपूर्ण विधेयकों की प्रस्तुति ने सदन को खासा व्यस्त बनाए रखा।

आदिवासी मुद्दों पर गरमाया सदन, जयवर्धन सिंह ने उठाया भूमि अधिकार का सवाल

कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने सदन में गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य के कई हिस्सों में आदिवासियों की ज़मीनें जबरन छीनी जा रही हैं। उन्होंने सरकार से इस पर तुरंत ध्यान देने और स्पष्ट नीति लाने की मांग की। जवाब में ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने पेसा कानून के कार्यान्वयन को ‘बेहतरीन’ बताते हुए कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।

रक्षात्मक रुख में परिवहन मंत्री, हेलमेट विवाद पर कहा- “सामाजिक ज़िम्मेदारी भी ज़रूरी है”

पेट्रोल पंपों पर बिना हेलमेट पेट्रोल न दिए जाने के एक प्रस्ताव पर परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि हर चीज़ को कानून से नहीं जोड़ा जा सकता। कुछ चीजें सामाजिक स्तर पर भी जरूरी होती हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में जन-जागरूकता को प्राथमिकता दी जा रही है।

सदन में विधेयकों की बारिश: योजना, श्रम, कराधान और शिक्षा से जुड़े कई संशोधन पेश

इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पेश किया गया, जिनमें नगरीय नियोजन, श्रम कानून, दुकान स्थापना, मोटरयान कराधान और विश्वविद्यालयों से जुड़े संशोधन विधेयक शामिल हैं। इनमें “मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान (संशोधन) विधेयक 2025” और “महानगर क्षेत्र नियोजन एवं विकास विधेयक” विशेष रूप से चर्चित रहे।

इसके अलावा श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने “कारखाना संशोधन विधेयक 2025” को भी सदन में पेश किया, जिसमें उद्योगों द्वारा हड़ताल या तालाबंदी करने से पहले डेढ़ महीने की पूर्व सूचना देने का प्रावधान शामिल है। विपक्ष ने इस विधेयक को मज़दूर विरोधी बताते हुए वॉकआउट किया।

मैहर में नई जनपद पंचायत की प्रक्रिया शुरू, मंत्री प्रहलाद पटेल ने दी जानकारी

विधायक श्रीकांत चतुर्वेदी के सवाल पर मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि मैहर में जनपद पंचायत के पुनर्गठन की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी, हालांकि किसी निश्चित समय-सीमा का उल्लेख नहीं किया गया।

ओबीसी आरक्षण पर तकरार: सीएम ने कहा “डंके की चोट पर देंगे 27% आरक्षण”

सत्र के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि सरकार पिछड़ा वर्ग को 27% आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कांग्रेस पर जातिगत जनगणना को रोकने का ऐतिहासिक आरोप लगाते हुए कहा कि यह जिम्मेदारी अतीत में उनके नेताओं की थी, जिन्होंने अवसर गंवा दिए।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि कई विभागों में जहां न्यायालय का स्टे नहीं है, वहां 27% आरक्षण लागू कर दिया गया है। उन्होंने जातिगत जनगणना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता को भी दोहराया।

शिक्षा व्यवस्था और निजी स्कूलों की मनमानी पर गरमाई बहस

कांग्रेस विधायक अजय सिंह ने निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली और किताबों की अनिवार्यता के खिलाफ सरकार से कड़ा रुख अपनाने की मांग की। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मंत्री के नाती-पोते भी जब निजी स्कूलों में पढ़ेंगे तो लूट के शिकार होंगे।
स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने जवाब में बताया कि फीस नियंत्रण को लेकर नियमावली लागू है और सभी स्कूलों को 8 अगस्त तक अपनी फीस जानकारी पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। समय सीमा पार करने पर कार्रवाई की जाएगी।

विजय शाह को लेकर कांग्रेस का विरोध, सेना का अपमान बताकर मांगा इस्तीफा

पिछले हफ्ते सदन में उस वक्त हंगामा हो गया जब मंत्री विजय शाह सदन में जवाब देने पहुंचे। कांग्रेस ने उन पर सेना का अपमान करने का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की और इस्तीफे की मांग की। इस हंगामे के कारण प्रश्नोत्तर काल बाधित हो गया और सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

ड्रग्स, लव जिहाद और कानून व्यवस्था पर भी गरजे विपक्षी नेता

कांग्रेस विधायकों ने भोपाल में ड्रग्स तस्करी और कथित ‘लव जिहाद’ के मामलों को लेकर प्रदर्शन किया। सदन में नशे की पुड़िया और इंजेक्शन लेकर पहुंचकर कांग्रेस ने सरकार पर कानून-व्यवस्था बिगाड़ने का आरोप लगाया। डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कानून व्यवस्था को लेकर सरकार की नीतियों को प्रभावी बताया।

2335.36 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पारित, विपक्ष बोला- “यह कर्ज का खाका”

सत्र के दौरान वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने 2335 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया जिसे मंजूरी मिल गई। हालांकि नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इसे “कर्ज का खाका” बताते हुए सरकार की वित्तीय स्थिति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सीएम के पास विदेश यात्राओं का बजट है लेकिन जनता के लिए नहीं।

निष्कर्ष: सत्र में गरमाई राजनीति, लेकिन विधायी कामकाज भी आगे बढ़ा

कुल मिलाकर यह मानसून सत्र विपक्ष की आक्रामकता और सत्ता पक्ष की बचाव मुद्रा के बीच गुजरा। आदिवासी अधिकार, ओबीसी आरक्षण, शिक्षा व्यवस्था, भ्रष्टाचार और श्रमिकों से जुड़े कानूनों पर गंभीर बहसें हुईं। हालांकि, कई विधेयक बिना लंबी चर्चा के पारित भी कर दिए गए।

सत्र अब 8 अगस्त तक चलेगा और संभावना है कि आने वाले दिनों में भी सियासी पारा गर्म ही रहेगा।

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