जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश इस समय मानसून की भारी मार झेल रहा है। राज्य के कई हिस्सों में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। विशेष रूप से श्योपुर, गुना, नर्मदापुरम, विदिशा, और शिवपुरी जिलों में हालात चिंताजनक होते जा रहे हैं। नदियां उफान पर हैं, पुल-पुलिया टूट चुके हैं और कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है।
श्योपुर जिले में हालात सबसे ज्यादा बिगड़े हुए हैं। यहां सीप नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है, जिससे मानपुर इलाके का सरकारी अस्पताल पानी में डूब गया। अस्पताल में भर्ती 12 मरीज पानी में फंसे रह गए, जिन्हें एसडीईआरएफ की टीम ने बड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाला। इसी जिले में नेशनल हाईवे-552 पर स्थित रणथंभोर नेशनल पार्क क्षेत्र में एक पुलिया बह गई, जिससे श्योपुर से जयपुर, दिल्ली, टोंक और दोसा की ओर जाने वाला सड़क मार्ग पूरी तरह बंद हो गया है।
गुना जिले में बीते 24 घंटों के दौरान 12.92 इंच बारिश दर्ज की गई, जिससे जलस्तर कई फीट तक बढ़ गया है। कलोरा बांध की वेस्ट बीयर करीब 15 फीट तक टूट गई है, और पूरे डैम के ढहने का खतरा मंडरा रहा है। जलभराव के कारण आसपास के गांवों में बाढ़ का सीधा खतरा उत्पन्न हो गया है। जिला प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए NDRF और सेना की टीमों को अलर्ट मोड में बुला लिया है।
नर्मदापुरम ज़िले के सोहागपुर तहसील अंतर्गत सांकला गांव में नर्मदा नदी उफान पर है। किनारे बसे कम से कम सात घरों में पानी घुस चुका है, जिससे लोगों को अपने सामान ट्रैक्टर और ट्रॉलियों में भरकर सुरक्षित जगहों पर ले जाना पड़ा। उधर, विदिशा में बेतवा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। रंगई क्षेत्र में स्थित प्राचीन बाढ़ वाले गणेश मंदिर तक पानी पहुंच चुका है और आसपास के कई मंदिर जलमग्न हो गए हैं।
भोपाल, नर्मदापुरम और अशोकनगर जिलों में प्रशासन ने एहतियात के तौर पर स्कूलों में छुट्टियों की घोषणा कर दी है, जिससे बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। लेकिन शिवपुरी के कोलारस क्षेत्र के पचावली गांव में स्कूल से लौट रहे 30 बच्चे एक बस में बाढ़ के कारण फंस गए। बच्चों को सुरक्षित निकालकर गांव के सरपंच के घर में ठहराया गया है, जहां से वे मंगलवार से अपने घर लौटने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने होमगार्ड मुख्यालय पहुंचकर आपदा प्रबंधन अधिकारियों के साथ आपात बैठक की। उन्होंने बाढ़ प्रभावित जिलों के कलेक्टरों से सीधे संवाद कर हालात की जानकारी ली और तुरंत राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि “प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति तक मदद समय पर पहुंचे, यह हमारी पहली प्राथमिकता है।”
अभी और बारिश बाकी: मौसम विभाग का रेड अलर्ट
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि मध्यप्रदेश में भारी बारिश का सिलसिला अभी थमने वाला नहीं है। राज्य में वर्तमान में एक लो-प्रेशर एरिया और दो ट्रफ लाइनों के सक्रिय रहने के कारण अगले 24 घंटे और चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। विभाग ने नीमच, मंदसौर, श्योपुर, गुना, आगर-मालवा और राजगढ़ जिलों में अति भारी बारिश की संभावना जताई है, जहां 8 इंच से अधिक वर्षा हो सकती है।
इसके अलावा भोपाल, विदिशा, सीहोर, शाजापुर, उज्जैन, रतलाम, मुरैना, शिवपुरी, अशोकनगर, डिंडौरी, मंडला और बालाघाट जिलों में भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है, जहां 4 इंच से ज्यादा बारिश होने का अनुमान है।
राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन सतर्क है, लेकिन हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। लोगों से अपील की गई है कि नदियों और नालों के पास न जाएं और किसी भी आपात स्थिति में स्थानीय प्रशासन को तुरंत सूचित करें।