मध्य प्रदेश में सिरप कांड में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बड़ा एक्शन लिया है. मुख्यमंत्री ने मामले में 3 ड्रग अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है, जबकि एक अधिकारी का ट्रांसफर कर दिया है. ज्वाइंट ड्रग कंट्रोलर शोभित कोष्टा, जबलपुर के ड्रग इंस्पेक्टर शरद जैन और छिंदवाड़ा ड्रग इंस्पेक्टर गौरव शर्मा को सस्पेंड कर दिया गया है. जबकि एक जबलपुर के ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्य का ट्रांसफर किया गया है.
मुख्यमंत्री ने बच्चों के पीड़ित परिजनों से की मुलाकात
मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव छिंदवाड़ा पहुंचे हैं. यहां उन्होंने बच्चों के पीड़ित परिजनों से मुलाकात की है. मुख्यमंत्री ने घटना पर गहरा दुख व्यक्ति किया है. मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार को सांत्वना देते हुए कहा है कि जो भी लोग जिम्मेदार हैं किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. सरकार सभी लोगों पर सख्त कार्रवाई कर रही है.
‘तमिलनाडु सरकार से कंपनी पर सख्त कार्रवाई के लिए कहा’
मामले पर जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा, ‘कफ सिरप की घटना के कारण से जिन बच्चों की दुखद मृत्यु हुई, मैं खुद परासिया के उस गांव में आया हूं. जैसे ही जानकारी आई हमने आज ही ड्रग कंट्रोलर को हटाने का आदेश दिया. डिप्टी ड्रग कंट्रोलर जिनकी जिम्मेदारी थी उनको सस्पेंड किया है और इंस्पेक्टर को भी सस्पेंड किया है. जिस कंपनी से ये बनकर आया है, उस कंपनी पर भी कठोर कार्रवाई करने को तमिलनाडु सरकार से कहा है. तमिलनाडु की जिस फैक्ट्री में सिरप बन रहा था, वो तरीका अमानक था. तमिलनाडु सरकार से कहा है और वहां की सरकार ने मामले को संज्ञान में लिया है. दवाई फैक्ट्रियों की प्रॉपर जांच होनी चाहिए और रैंडम हमारे अधिकारी भी जांचें, भले ही कोई भी कंपनी, किसी भी राज्य से आई हो.’
‘दुख की घड़ी में पीड़ित परिवार के साथ हूं’
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा, ‘दुख की घड़ी में परिवार के साथ हूं. यह एक संवेदनशील मुद्दा है. पीड़ितों के बेहतर इलाज के लिए जो प्रबंधन लगेगा सरकार करेगी. बीमार बच्चों का इलाज सरकार करवाएगी.’
वहीं मामले पर कांग्रेस के हमले पर मुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस के पास आरोप लगाने और बोलने के अलावा कोई काम नहीं है.
‘4 साल से कम उम्र के बच्चों को कॉम्बिनेशन ड्रग नहीं देने की व्यवस्था’
छिंदवाड़ा प्रकरण को लेकर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा, ‘सभी दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. मानव जीवन की सुरक्षा से जुड़े मामलों में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी. दो औषधि निरीक्षकों और उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन को निलंबित किया गया है.’
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अभियान चलाकर घर-घर से प्रतिबिंधत दवा रिकवर करें. छिंदवाड़ा और आसपास के जिलों में जिन परिवारों ने यह दवा ली है, उनके घरों से दवा रिकवर करने के लिए सघन अभियान चलाया जाए. 4 साल से कम उम्र के बच्चों को कॉम्बिनेशन ड्रग नहीं देने की व्यवस्था है, जो डॉक्टर इस व्यवस्था का पालन नहीं कर रहे हैं, उन पर भी कार्रवाई की जाए.’