म्यांमार में 7.7 तीव्रता के भीषण भूकंप से तबाही: 1700 से ज्यादा मौतें, 60 मस्जिदें ध्वस्त, एयरपोर्ट टावर गिरा; भारत ने ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत भेजी राहत सामग्री

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

म्यांमार में शुक्रवार को आए विनाशकारी भूकंप ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। 7.7 तीव्रता के इस भूकंप ने हजारों लोगों की जिंदगी लील ली। रिपोर्ट के अनुसार, 700 से अधिक लोग नमाज पढ़ते समय मस्जिदों के गिरने से दबकर मारे गए, जबकि 60 से ज्यादा मस्जिदें पूरी तरह तबाह हो गईं। मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और सोमवार तक यह आंकड़ा 1,700 के पार पहुंच गया।

भूकंप से 3,400 घायल, 300 से अधिक लापता

म्यांमार की सैन्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इस भूकंप में 3,400 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं और 300 से अधिक लोग लापता हैं। अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि मस्जिदों में मारे गए लोगों को आधिकारिक मौत के आंकड़े में जोड़ा गया है या नहीं।

CNN ने विशेषज्ञों के हवाले से बताया कि यह भूकंप बीते 200 वर्षों का सबसे भीषण भूकंप था, जिसकी तीव्रता 334 एटॉमिक बम के विस्फोट के बराबर थी। USGS (यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे) ने आशंका जताई है कि इस तबाही में 10,000 से अधिक लोगों की मौत हो सकती है।

बता दें, म्यांमार में 28 और 29 मार्च को 2 दिनों के भीतर 3 भूकंप आए। पहला भूकंप 28 मार्च को सुबह 7.7 तीव्रता का था, दूसरा 28 मार्च की रात 11.56 बजे 4.2 तीव्रता का, और तीसरा 29 मार्च को दोपहर 3:30 बजे 5.1 तीव्रता का आया। भूकंप के चलते ऐतिहासिक मांडले पैलेस (शाही महल) का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। सागाइंग क्षेत्र में एक प्रमुख पुल पूरी तरह नष्ट हो गया। नेपीदा, क्यौकसे, प्यिन ऊ ल्विन और श्वेबो जैसे बड़े शहरों में भूकंप के तेज झटकों से इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा।

भारत ने ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत भेजी राहत सामग्री

भारत ने म्यांमार की मदद के लिए ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ शुरू किया है। भारतीय नौसेना के INS सतपुड़ा और INS सावित्री ने यांगून बंदरगाह पर 40 टन राहत सामग्री पहुंचाई। आगरा से 118 सदस्यीय फील्ड हॉस्पिटल यूनिट को मांडले भेजा गया, जिससे घायलों का इलाज किया जा सके। इससे पहले, भारत ने 15 टन राहत सामग्री भेजी थी, जिसमें टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, तैयार भोजन, वाटर प्यूरीफायर, सोलर लैंप, जनरेटर सेट और आवश्यक दवाएं शामिल थीं।

संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों की मदद जारी

संयुक्त राष्ट्र ने म्यांमार के लिए 5 मिलियन डॉलर (43 करोड़ रुपये) की आपातकालीन सहायता प्रदान की है। रूस ने 120 बचावकर्मियों और राहत सामग्री के साथ दो विमान भेजे हैं। चीन, सिंगापुर, मलेशिया और हॉन्गकॉन्ग ने भी अपनी रेस्क्यू टीमें रवाना कर दी हैं। यूरोपीय यूनियन (EU) ने भी 2.7 मिलियन डॉलर (23 करोड़ रुपये) की सहायता भेजी है।

म्यांमार में पहले भी आए हैं बड़े भूकंप

  • 2012 में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया था।

  • 1930 से 1956 के बीच 7 तीव्रता के 6 से ज्यादा भूकंप आए थे।

आगे क्या?

  • राहत कार्यों को और तेज करने के लिए मेडिकल और फूड सप्लाई को प्राथमिकता दी जा रही है।

  • भारत, रूस, चीन और अन्य देशों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

  • वैज्ञानिकों ने आने वाले दिनों में और झटकों की चेतावनी दी है, जिससे नुकसान और बढ़ सकता है।

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