एमपी में मानसून का नया रंग, कहीं झमाझम बारिश तो कहीं सूखा आसमान: साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिव, लेकिन भारी बारिश का अलर्ट नहीं!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश में मानसून का दौर अब अलग-अलग रंग दिखा रहा है। कहीं आसमान साफ है तो कहीं अचानक तेज बारिश लोगों को चौंका रही है। मौसम विभाग का कहना है कि प्रदेश में इस समय साइक्लोनिक सर्कुलेशन और ट्रफ लाइन एक्टिव जरूर है, लेकिन इनका असर बहुत मजबूत नहीं है। यही वजह है कि पिछले 24 घंटे में 10 से ज्यादा जिलों में बारिश दर्ज की गई, जबकि कुछ जगहों पर मौसम शुष्क रहा।

भारी बारिश का अलर्ट नहीं, लेकिन लोकल सिस्टम से बरसेंगे बादल

शनिवार को प्रदेश के किसी भी हिस्से में भारी बारिश का अलर्ट जारी नहीं किया गया है। विभाग ने साफ किया कि अगले चार दिन तक तेज वर्षा की संभावना कम है। हालांकि लोकल सिस्टम के एक्टिव होने पर कहीं-कहीं मूसलाधार पानी गिर सकता है। उत्तर-दक्षिण ट्रफ इस समय एमपी से गुजर रही है और उत्तरी-दक्षिणी हिस्सों में दो चक्रवात सक्रिय हैं, लेकिन वे स्ट्रॉन्ग नहीं हैं।

खजुराहो-बड़वानी में झमाझम, भोपाल का डैम चौथी बार खुला

शुक्रवार को छतरपुर के खजुराहो और बड़वानी के सेंधवा इलाके में तेज बारिश दर्ज की गई। खजुराहो के रनगुवां बांध के तीन गेट खोलने पड़े, जबकि भोपाल के भदभदा डैम का भी एक गेट चौथी बार खोलना पड़ा। बैतूल में करीब सवा इंच, जबकि रतलाम और छिंदवाड़ा में 1-1 इंच बारिश मापी गई। इसके अलावा पचमढ़ी, शिवपुरी, जबलपुर, नौगांव, सीधी और बड़वानी में हल्की बूंदाबांदी हुई। राजधानी भोपाल में शाम को झमाझम बारिश से मौसम ठंडा हो गया।

शिवपुरी में दर्दनाक हादसा: आकाशीय बिजली से मां-बेटे की मौत

मौसम की मार शिवपुरी जिले के रूपेपुर गांव में देखने को मिली। शुक्रवार शाम खेत पर काम कर रहे परिवार पर बिजली गिर गई। हादसे में 45 वर्षीय श्यामकुमारी लोधी और उनके बेटे राहुल लोधी (19) की मौके पर ही मौत हो गई। बेटी बेना लोधी (18) झुलस गई, जिसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

सीजनल बारिश 117% तक पहुंची, सबसे ज्यादा पानी गुना में

इस मानसूनी सीजन में अब तक प्रदेश में औसत 43.5 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है, जो सामान्य से 7.5 इंच अधिक है। यानी अब तक 117% वर्षा हो चुकी है। गुना जिला सबसे आगे है जहां 65 इंच बारिश दर्ज की गई, जबकि सबसे कम वर्षा खरगोन में केवल 26.2 इंच हुई है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि सीजन के आखिरी सप्ताह में एक और बड़ा सिस्टम एक्टिव हो सकता है, जिससे फिर से पूरे प्रदेश में तेज बारिश देखने को मिलेगी।

आधे राजस्थान से लौट चुका मानसून, एमपी में भी जल्द दस्तक

मौसम विभाग ने बताया कि मानसून की विदाई की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। आधे राजस्थान से मानसून लौट चुका है, जबकि गुजरात, पंजाब और हरियाणा के कई जिलों से भी वापसी हो चुकी है। अगर यही रफ्तार रही तो मध्यप्रदेश के पश्चिमी जिलों से भी अगले कुछ दिनों में मानसून लौट सकता है।

इंदौर-उज्जैन संभाग सबसे पीछे, ग्वालियर-चंबल में रिकॉर्ड वर्षा

बारिश के आंकड़ों पर नजर डालें तो इंदौर और उज्जैन संभाग की स्थिति कमजोर है। यहां पानी औसत से कम गिरा है। बुरहानपुर, बड़वानी, खंडवा, खरगोन और शाजापुर सबसे कम बारिश वाले जिलों में शामिल हैं। वहीं ग्वालियर और चंबल संभाग में इस बार मानसून ने रिकॉर्ड तोड़ा है। ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर – सभी जिलों में कोटे से ज्यादा पानी गिर चुका है।

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