जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश में रविवार से लगातार हो रही भारी बारिश का सिलसिला थम गया है। हालांकि प्रदेश के कई इलाकों में नदी-नाले अभी भी उफान पर हैं और हल्की बारिश का दौर जारी है। रविवार को नर्मदापुरम, रतलाम, जबलपुर, टीकमगढ़, उमरिया और बालाघाट में हल्की बारिश दर्ज की गई। सोमवार को भी मौसम का यही मिजाज बने रहने के आसार हैं। इस दौरान कहीं भी भारी बारिश का अलर्ट नहीं है। राजधानी भोपाल में सोमवार सुबह से धूप खिली रही।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के मुताबिक, इस समय प्रदेश में मानसून से जुड़ी दो टर्फ लाइनें सक्रिय हैं, लेकिन उनकी ताकत ज्यादा नहीं है। यही वजह है कि फिलहाल भारी बारिश की संभावना नहीं है। मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि अभी केवल हल्की बारिश और गरज-चमक का सिलसिला रहेगा। नया सिस्टम एक्टिव होने पर प्रदेश में दोबारा तेज बारिश शुरू हो सकती है।
फिलहाल उत्तरी गुजरात और दक्षिण-पश्चिम राजस्थान के ऊपर लो-प्रेशर एरिया बन रहा है। अगले 48 घंटों में यह सिस्टम मध्यप्रदेश की ओर बढ़ सकता है। इसके असर से सितंबर में एक बार फिर जोरदार बारिश का दौर देखने को मिल सकता है।
बारिश से जुड़े हादसे
बारिश थमने के बावजूद कई जिलों में हादसे सामने आए हैं।
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भोपाल के बैरसिया में रविवार को 12 साल की बच्ची चिंको नदी में बह गई। वह अपने दादा के साथ तर्पण करने गई थी। दादा का शव कुछ घंटों बाद मिल गया, लेकिन बच्ची की तलाश सोमवार सुबह फिर से शुरू की गई।
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ओंकारेश्वर में रविवार शाम नर्मदा स्नान के दौरान पाली (राजस्थान) से आए एक युवक चिराग उर्फ उमेद (25) की डूबने से मौत हो गई। वह अपने दोस्त को बचाने नदी में कूदा था। उसकी तलाश में गोताखोर और पुलिस की टीम लगी हुई है।
बारिश का कोटा पार
इस सीजन में मध्यप्रदेश में औसतन 41.2 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि सामान्यत: अब तक 33.1 इंच पानी गिरना था। यानी प्रदेश में 8.1 इंच अतिरिक्त पानी गिर चुका है। पूरे मानसून सीजन की सामान्य बारिश 37 इंच मानी जाती है, जो पिछले हफ्ते ही पूरी हो चुकी थी। अभी तक 4.2 इंच अतिरिक्त बारिश दर्ज हो चुकी है।
इन जिलों में बारिश का कोटा फुल
अब तक 30 जिलों में बारिश का कोटा पूरा हो गया है—भोपाल, राजगढ़, रायसेन, विदिशा, अलीराजपुर, बड़वानी, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, रतलाम, मंदसौर, नीमच, आगर-मालवा, भिंड, मुरैना, श्योपुर, सिंगरौली, सीधी, सतना और उमरिया।
श्योपुर सबसे आगे है, यहां सामान्य से 213% ज्यादा बारिश हो चुकी है।
उज्जैन का बारिश रिकॉर्ड
उज्जैन जिले में मानसून के रिकॉर्ड भी काफी दिलचस्प रहे हैं। वर्ष 1961 में सितंबर महीने की बारिश ने पूरे सीजन का कोटा पूरा कर दिया था। उस साल 1089 मिमी यानी करीब 43 इंच बारिश सितंबर में ही दर्ज की गई थी। 27 सितंबर 1961 को 24 घंटे में सबसे ज्यादा 5.5 इंच बारिश का रिकॉर्ड भी यहीं बना था।
सितंबर में उज्जैन की औसत बारिश 6.75 इंच होती है, लेकिन पिछले दो वर्षों से यहां 12 इंच से ज्यादा बारिश हो रही है।
अलर्ट की स्थिति
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8 सितंबर: प्रदेश के सभी जिलों में हल्की बारिश और गरज-चमक का अलर्ट।
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9 सितंबर: मंडला और बालाघाट में भारी बारिश का यलो अलर्ट। यहां 24 घंटों में साढ़े 4 इंच तक पानी गिर सकता है। प्रदेश के बाकी जिलों में हल्की बारिश और गरज-चमक की संभावना।