“किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा” — नागपुर में बच्चों से मिले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रतिबंधित कफ सिरप कांड पर बोले — मध्यप्रदेश कर रहा सख्त कार्रवाई, तमिलनाडु कंपनी जिम्मेदार

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को नागपुर के विभिन्न अस्पतालों का दौरा कर उन बच्चों की सेहत और उनके परिजनों से मुलाकात की, जो प्रतिबंधित कफ सिरप के सेवन से गंभीर रूप से प्रभावित हैं। इस दौरान उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि मध्यप्रदेश सरकार किसी भी दोषी को बख्शेगी नहीं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि तमिलनाडु की उस दवा कंपनी के जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और मामले में जांच और कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में मध्यप्रदेश केवल मानवीय दृष्टिकोण से ही नहीं बल्कि प्रशासनिक रूप से भी सख्त कार्रवाई कर रहा है। उन्होंने बताया कि अभी तक मिली जानकारी और प्रारंभिक जांच में यह साफ हुआ है कि इस दवा में निर्माण स्तर पर गंभीर त्रुटि पाई गई थी, जिसके कारण बच्चों को जीवन का नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि जैसे ही तमिलनाडु सरकार की रिपोर्ट आई, मध्यप्रदेश ने इस कफ सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया।

तमिलनाडु सरकार से सहयोग की कमी पर नाराज़गी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्पष्ट किया कि इस मामले में तमिलनाडु सरकार से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि दवा कंपनी की जांच तमिलनाडु के ड्रग कंट्रोलर द्वारा नियमों के अनुसार की जानी चाहिए थी, लेकिन इसमें देरी हुई। इस वजह से मध्यप्रदेश सरकार ने खुद रैंडम सैंपल लेकर जांच करवाई और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की। इसमें छिंदवाड़ा के चिकित्सक सहित अन्य जिम्मेदार अधिकारियों का निलंबन और ड्रग कंट्रोलर को हटाना शामिल है। इसके अलावा, उन डॉक्टरों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है, जो लगातार इस प्रतिबंधित दवा को मरीजों को लिख रहे थे।

डॉ. यादव ने प्रश्न उठाया कि किस प्रक्रिया के तहत इस कंपनी को ड्रग लाइसेंस दिया और कैसे बिना उचित जांच के उसका नवीनीकरण किया गया। उन्होंने कहा कि यह मामला केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं है बल्कि बच्चों के जीवन से जुड़ा गंभीर प्रश्न है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी व्यक्ति इस फैक्ट्री का स्थल अवलोकन करने के लिए आ सकता है, ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।

मध्यप्रदेश पीड़ित पक्ष, कार्रवाई में कोई ढिलाई नहीं

मुख्यमंत्री ने यह भी दोहराया कि मध्यप्रदेश इस मामले में पीड़ित पक्ष है और प्रदेश के बच्चों की मौत के बाद किसी भी दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई से पीछे नहीं हटा जाएगा। उन्होंने कहा, “हमारे बच्चों और उनके परिवारों के साथ न्याय करना हमारी प्राथमिकता है। हम इस प्रकरण में किसी भी स्तर पर जांच और कार्रवाई से नहीं हटेंगे।”

नागपुर दौरे के दौरान अस्पतालों का निरीक्षण

गुरुवार को मुख्यमंत्री डॉ. यादव नागपुर के एम्स, जीएमसी और न्यू हेल्थ सिटी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने छिंदवाड़ा और बैतूल जिलों के किडनी संक्रमित बच्चों का हाल जाना और उनके परिजनों से बात की। उन्होंने चिकित्सकों से कहा कि बच्चों को हर संभव सर्वोत्तम उपचार दिया जाए।

इस दौरान कलेक्टर छिंदवाड़ा और बैतूल लगातार प्रभावित परिवारों से संपर्क में हैं और आवश्यक मदद सुनिश्चित कर रहे हैं। राज्य स्तर पर भी बच्चों के उपचार और स्वास्थ्य लाभ की नियमित जानकारी ली जा रही है।

डॉ. यादव के साथ इस दौरे में छिंदवाड़ा सांसद विवेक बंटी साहू, बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल और अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे। उन्होंने बच्चों के परिजनों से बात कर उनके उपचार की जानकारी ली और इस संवेदनशील मामले में शासन की पूर्ण सक्रियता का आश्वासन दिया।

डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट किया कि इस मामले में मध्यप्रदेश सरकार मानवीय संवेदनाओं के साथ-साथ कानूनी और प्रशासनिक रूप से सख्त कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि दोषियों को कानून के तहत सजा दी जाएगी और भविष्य में ऐसी त्रुटियों को रोकने के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा और औषधि निर्माण प्रक्रियाओं की समीक्षा की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने अंतिम रूप से कहा, “यह केवल एक स्वास्थ्य मामला नहीं है, यह बच्चों के जीवन का मामला है। मध्यप्रदेश सरकार का यह दृढ़ संकल्प है कि हम इस मामले में न्याय सुनिश्चित करेंगे और किसी भी दोषी को बख्शने नहीं देंगे।”

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