अब नहीं बचेगा कोई फर्जी वोट! MP में हर मतदाता की होगी घर-घर जांच, चुनाव आयोग ने लॉन्च किया ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’ अभियान; हर घर पहुंचेगा BLO

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश में अब बिहार की तर्ज पर वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) शुरू होने जा रहा है। चुनाव आयोग ने सोमवार को इसकी आधिकारिक घोषणा की। इस विशेष अभियान के तहत प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों के हर बूथ की मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण किया जाएगा। इसका उद्देश्य है — वोटर लिस्ट को पूरी तरह सही, पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाना।

हर वोटर का होगा दोबारा वेरिफिकेशन

चुनाव आयोग के निर्देश पर प्रदेशभर में प्रशिक्षण प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। आज रात 12 बजे से मतदाता सूची फ्रीज कर दी जाएगी, यानी अब सूची में बदलाव केवल तय प्रक्रिया के तहत ही होगा। इसके बाद बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर फॉर्म बांटेंगे और हर मतदाता की जानकारी की पुष्टि करेंगे।
बीएलओ एक ही घर पर तीन बार विजिट करेंगे ताकि कोई भी योग्य वोटर छूट न जाए।

सभी अफसरों को दी जा चुकी है ट्रेनिंग

कलेक्टर, एसडीएम, एडीएम, तहसीलदार से लेकर बीएलओ तक, मतदाता सूची के अपडेशन से जुड़े सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इसके अलावा अलग-अलग विभागों के कर्मचारियों की ड्यूटी पहले से बीएलओ कार्य के लिए लगा दी गई है।
भोपाल जिला मलेरिया कार्यालय के सभी कर्मचारी भी इस जिम्मेदारी में शामिल किए गए हैं।

क्या होगा इस बार के SIR में?

इस बार आयोग ने साफ कहा है कि हर बूथ की वोटर लिस्ट की जांच की जाएगी।

  • संदिग्ध नामों की पहचान की जाएगी।

  • गलत या डुप्लीकेट वोटर को हटाया जाएगा।

  • जिनके दस्तावेज मेल नहीं खाएंगे, उनसे प्रमाण मांगे जाएंगे।

यह माना जा रहा है कि कई जगह बड़ी संख्या में नाम हटाए जाएंगे, क्योंकि कई वर्षों से एक ही व्यक्ति के नाम दो जगह दर्ज होने या मृत लोगों के नाम लिस्ट में बने रहने की शिकायतें आती रही हैं।
मध्यप्रदेश में अगले विधानसभा चुनाव 2028 के अक्टूबर-नवंबर में होने हैं, ऐसे में यह प्रक्रिया चुनाव से पहले वोटर लिस्ट को पूरी तरह शुद्ध करने की दिशा में अहम कदम है।

तीन सवालों में समझिए – क्या है SIR?

1. वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन क्यों?
चुनाव आयोग अब तक आठ बार SIR करवा चुका है। पिछली बार यह प्रक्रिया 2003-04 में हुई थी, यानी करीब 22 साल बाद फिर से यह बड़ा पुनरीक्षण हो रहा है।
इस प्रक्रिया में हर वोटर की गहनता से जांच की जाती है — कहीं किसी व्यक्ति का नाम दो जगह तो नहीं, या कोई अयोग्य व्यक्ति वोटर तो नहीं बन गया।
पुरानी 2003-04 की वोटर लिस्ट से भी मिलान होगा ताकि यह पता चल सके कि परिवार के कौन सदस्य पहले मतदाता थे और अब कहां हैं।

2. नए वोटर या दूसरे राज्य से आए लोगों के लिए क्या नियम?

  • जो लोग 1 जुलाई 1987 से पहले जन्मे हैं, उन्हें अपना जन्म प्रमाण देना होगा।

  • 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच जन्मे लोगों को अपने माता-पिता के जन्म या नागरिकता के दस्तावेज दिखाने होंगे।

  • 2 दिसंबर 2004 के बाद जन्मे युवाओं को यह साबित करना होगा कि उनके माता-पिता में कम से कम एक भारतीय नागरिक है और दूसरा गैर-कानूनी प्रवासी नहीं है

3. क्या अभी दस्तावेज देने होंगे?
मुख्य चुनाव आयुक्त के अनुसार, पहले चरण में कोई दस्तावेज नहीं देना होगा। बीएलओ केवल घर-घर जाकर फॉर्म बांटेंगे और जानकारी एकत्र करेंगे।
बाद में जब मिलान होगा और कोई असंगति मिलेगी, तभी संदिग्ध मतदाताओं से प्रमाण मांगे जाएंगे।

क्या है SIR (Special Intensive Revision)?

यह चुनाव आयोग की विशेष प्रक्रिया है, जिसके जरिए वोटर लिस्ट को अपडेट और शुद्ध किया जाता है।
इसमें –

  • 18 वर्ष से ऊपर के नए मतदाताओं को जोड़ा जाता है।

  • मृत, शिफ्ट हुए या डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम हटाए जाते हैं।

  • नाम, पता या अन्य गलतियों को सुधारा जाता है।

  • BLO घर-घर जाकर जानकारी एकत्र करते हैं।

इस पूरी प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य है कि —

“कोई भी योग्य मतदाता लिस्ट से न छूटे, और कोई भी अयोग्य व्यक्ति मतदाता सूची में शामिल न हो।”

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