जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भोपाल। विजयादशमी के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में पारंपरिक विधि-विधान से शस्त्र पूजा का आयोजन किया। यह आयोजन शक्ति, साहस और विजय के प्रतीक के रूप में अत्यंत धार्मिक एवं भावपूर्ण रहा।
पारंपरिक विधि-विधान से पूजा अर्चना
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर पारंपरिक धोती कुर्ता धारण कर, शक्ति स्वरूपा मां काली का विधिपूर्वक पूजन किया। मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ में आहुति देते हुए उन्होंने शक्ति, धर्म और विजय की कामना की। शस्त्र पूजन के दौरान मुख्यमंत्री ने सुरक्षा के मुख्य अधिकारी श्री समीर यादव का तिलक कर सम्मानित किया। साथ ही, मुख्यमंत्री निवास में पदस्थ सभी अधिकारियों, सुरक्षा कर्मियों और स्टाफ ने इस धार्मिक अनुष्ठान में भाग लिया।
पूजा के बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेशवासियों के लिए संदेश दिया। उन्होंने प्रभु श्रीराम और महिषासुर मर्दिनी मां जगदंबा का स्मरण करते हुए कहा कि विजयादशमी अधर्म पर धर्म और असत्य पर सत्य की जीत का पर्व है। उन्होंने सभी से कामना की कि प्रभु कृपा सदैव बनी रहे और हमारा जीवन केवल मंगल कार्यों में व्यतीत हो।
समत्व भवन में शस्त्र पूजा के लिए विशेष रूप से साज-सज्जा की गई थी। पूजा स्थल पर लगे बैकड्राप पर प्रभु श्रीराम की धनुर्धर मुद्रा और भयाक्रांत रावण के चित्र के साथ शक्तिपाठ के मंत्र “या देवी सर्व भूतेषु मातृ रूपेण संस्थिता…” का अंकन किया गया था। इस अवसर पर “शस्त्रेण रक्षिते राष्ट्रे—शास्त्र चिंता प्रवर्तते” की पंक्ति ने शस्त्र पूजा के महत्व को उजागर किया।
पूजा स्थल पर पुलिस द्वारा उपयोग किए जाने वाले अत्याधुनिक शस्त्रों को भी स्थापित किया गया था, जिन्हें विधिपूर्वक पूजन किया गया। इस दौरान विधायक श्री रामेश्वर शर्मा, अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई, आयुक्त जनसंपर्क दीपक सक्सेना एवं अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी को प्रसाद स्वरूप मिष्ठान वितरित कर विजयादशमी की मंगलकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्पष्ट किया कि शस्त्र पूजा केवल शक्ति का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह हमें याद दिलाती है कि राष्ट्र की रक्षा, धर्म की स्थापना और समाज में शांति के लिए हमें सदैव सतत प्रयासरत रहना चाहिए।