जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भारत की धार्मिक धरोहर में महाकुंभ का स्थान सर्वोत्तम है, और इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संगम में डुबकी लगाकर इसे और भी खास बना दिया। बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी ने प्रयागराज के पवित्र संगम में डुबकी लगाई, जो हर भारतीय के लिए गर्व और आस्था का पल बन गया। भगवा वस्त्रों में सजे मोदी ने मंत्रोच्चारण के बीच संगम में स्नान किया और सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित किया, जिसमें उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी थे।
स्नान के बाद प्रधानमंत्री ने करीब 5 मिनट गंगा पूजन किया। संगम के तट पर वह गंगा माता को दूध अर्पित करते हुए अपनी श्रद्धा व्यक्त करते दिखे। उन्होंने गंगा की महिमा में काव्यात्मक शब्दों के साथ पूजा की और मां गंगा से पूरे देश की सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और कल्याण की कामना की। बता दें, वह करीब दो घंटे तक प्रयागराज में रहे और पूरे समय ध्यान केंद्रित कर आस्था में लीन रहे। उन्होंने किसी से मुलाकात नहीं की, यहां तक कि प्रदेश के डिप्टी सीएम भी बमरौली एयरपोर्ट पर ही थे। प्रधानमंत्री का विमान सुबह करीब 10:30 बजे दिल्ली से बमरौली एयरपोर्ट पर उतरा, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। 54 दिन में पीएम का महाकुंभ का दूसरा दौरा है। इससे पहले 13 दिसंबर को यहां आए थे।
प्रधानमंत्री के आगमन के दौरान प्रयागराज में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, और प्रधानमंत्री मोदी का महाकुंभ दौरा पूरी तरह से सीमित रखा गया था, ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। संगम क्षेत्र में पैरामिलिट्री फोर्स भी तैनात की गई थी।
लेकिन सवाल यह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने गंगा स्नान के लिए 5 फरवरी का ही दिन क्यों चुना? दरअसल, हिंदू पंचांग के अनुसार, 5 फरवरी को माघ मास की अष्टमी तिथि है, जो हिंदू धर्म में बेहद खास मानी जाती है। इस दिन गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि होती है, जो खास रूप से स्नान और दान के लिए शुभ मानी जाती है। गंगा में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके साथ ही आज के दिन भरणी नक्षत्र का प्रभाव भी है, जो विशेष रूप से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने के लिए उत्तम है।
वहीं, गंगा में स्नान करने के बाद पीएम मोदी ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “प्रयागराज महाकुंभ में आज पवित्र संगम में स्नान के बाद पूजा-अर्चना का परम सौभाग्य मिला। मां गंगा का आशीर्वाद पाकर मन को असीम शांति और संतोष मिला है। उनसे समस्त देशवासियों की सुख-समृद्धि, आरोग्य और कल्याण की कामना की। हर-हर गंगे!”