जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
जबलपुर के सकरा गांव में एक 17 वर्षीय होनहार नाबालिग छात्रा की कुल्हाड़ी से नृशंस हत्या ने पूरे गांव को गम और आक्रोश में डुबो दिया है। यह दर्दनाक वारदात मंगलवार तड़के उस वक्त हुई, जब लड़की अपने घर में सो रही थी। बताया जा रहा है कि आरोपी राकेश सिंह (22), जो उसी गांव में रहता था और मजदूरी करता है, लंबे समय से पीड़िता को परेशान कर रहा था। लड़की के शादी से इनकार करने के बाद उसने इस खौफनाक कदम को अंजाम दिया।
पीड़िता हाल ही में 10वीं की परीक्षा फर्स्ट डिवीजन से पास कर 11वीं में दाखिल हुई थी। उसका सपना था कि वह लॉ की पढ़ाई करके वकील बने, लेकिन एक मानसिक विक्षिप्त सनक में डूबे युवक ने उसकी पूरी ज़िंदगी, उसके सपने और परिवार की उम्मीदें कुल्हाड़ी के तीन वारों से खत्म कर दीं।
छत काटकर घुसा, रातभर घर में छिपा बैठा रहा
सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात आरोपी राकेश ने घर की छत काटकर भीतर प्रवेश किया और अंधेरे में छिप गया। रात करीब साढ़े तीन बजे जब लड़की वॉशरूम जाने के लिए उठी, तभी उस पर जानलेवा हमला कर दिया गया। कुल्हाड़ी से उसके गले और सीने पर कई वार किए गए। चीख-पुकार सुनकर उसकी छोटी बहन जाग गई, जिसे देखकर राकेश मौके से फरार हो गया।
गंभीर हालत में परिजनों ने उसे उठाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। गांव में हर कोई स्तब्ध है कि इतनी खामोश और पढ़ने-लिखने वाली लड़की को कोई इतनी बेरहमी से कैसे मार सकता है।
कई बार की थी छेड़छाड़, धमकी भी दी थी
पड़ोसियों और परिजनों के अनुसार राकेश लंबे समय से लड़की को तंग करता था। रास्ता रोकना, गंदी बातें करना और शादी के लिए जबरदस्ती करना – यह सब पीड़िता ने सहा। कुछ समय पहले उसने अपनी मां को बताया था कि राकेश उसे धमका रहा है और स्कूल जाते वक्त रास्ता रोककर कहता है – “शादी नहीं की तो जान से मार दूंगा।”
मां ने लोक-लाज के डर से इसे गंभीरता से नहीं लिया और बेटी को पढ़ाई पर ध्यान देने की सलाह देकर चुप करा दिया। यही चुप्पी उस मासूम की जान पर बन आई।
मां से कर चुका था शादी की बात, इनकार बर्दाश्त नहीं हुआ
जुलाई 2025 में आरोपी राकेश ने लड़की की मां से शादी की बात रखी थी। लेकिन मां ने साफ कह दिया कि उनकी बेटी अभी पढ़ना चाहती है, शादी का सवाल ही नहीं उठता। इस इनकार ने जैसे राकेश के अहम को ठेस पहुंचाई और उसने बदले की आग में ऐसी घिनौनी साजिश रची, जिसकी किसी ने कल्पना तक नहीं की थी।
पांच बहनों में तीसरे नंबर की थी, सिर्फ पढ़ाई से मतलब था
पड़ोसियों ने बताया कि पीड़िता बेहद होशियार और शांत स्वभाव की थी। घर से सीधे स्कूल और स्कूल से वापस घर – यही उसकी दिनचर्या थी। वह 10वीं में अच्छे अंक लाई थी और बस से रोज़ 10 किलोमीटर दूर स्कूल जाती थी। स्कूल के शिक्षक भी उसकी लगन और व्यवहार से बेहद प्रभावित थे।
इस घटना ने केवल एक लड़की की जान नहीं ली, बल्कि पूरे परिवार की आत्मा को झकझोर दिया है। जब पुलिस पूछताछ के लिए पहुंची तो लड़की के पिता फूट-फूटकर रो पड़े और कहा – “हमने अगर उसकी बात को गंभीरता से लिया होता… लोक-लाज छोड़कर उसकी सुरक्षा पर ध्यान दिया होता… तो आज वह हमारे बीच होती।”
पुलिस जांच में जुटी, आरोपी अब भी फरार
फिलहाल आरोपी फरार है। पाटन थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीमें उसकी तलाश में लगातार दबिश दे रही हैं। गांववालों की मांग है कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर सख्त से सख्त सजा दी जाए ताकि दोबारा किसी बेटी के सपनों को यूं बेरहमी से कुचला न जा सके।