जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
उज्जैन की पावन धरा एक बार फिर इतिहास रचने की ओर बढ़ रही है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिंहस्थ-2028 की तैयारियों को लेकर एक महत्त्वपूर्ण बैठक में स्पष्ट कर दिया कि इस महाकुंभ को ऐतिहासिक और सुव्यवस्थित बनाने के लिए प्रशासन को अभी से युद्धस्तर पर कार्य करना होगा। लाखों-करोड़ों श्रद्धालु जब इस दिव्य आयोजन के लिए उज्जैन पहुंचेंगे, तो उनके लिए हर सुविधा का संपूर्ण प्रबंध हो—यही सरकार का संकल्प है।
जून 2027 तक पूरी होंगी सभी तैयारियां!
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए कि सिंहस्थ की व्यवस्थाओं और प्रबंधन से जुड़े सभी कार्य जून 2027 तक पूर्ण कर लिए जाएं। इससे समय रहते सभी कमियों को दूर किया जा सकेगा और अंतिम रूप से व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाया जा सकेगा। शहर की गलियों से लेकर प्रमुख मार्गों तक, हर क्षेत्र में सुव्यवस्थित प्लानिंग होगी ताकि श्रद्धालु बिना किसी कठिनाई के स्नान और देव दर्शन कर सकें।
सिंहस्थ से पहले उज्जैन को मिलेगा नया स्वरूप
महाकाल लोक बनने के बाद से उज्जैन में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसे ध्यान में रखते हुए सिंहस्थ के दौरान आने वाले भक्तों के लिए शहर के सभी छोटे-बड़े मार्गों को चौड़ा करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से कहा कि उज्जैन शहर में क्षिप्रा नदी और अन्य क्षेत्रों में आवश्यक पुलों का निर्माण तुरंत शुरू किया जाए ताकि भीड़ नियंत्रण में कोई बाधा न आए। साथ ही, छोटे-बड़े मंदिरों में श्रद्धालुओं के दर्शन की समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।
स्मार्ट ट्रांसपोर्ट और ई-वाहन सुविधा
सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालुओं को महाकाल दर्शन के लिए अधिक दूरी पैदल न तय करनी पड़े, इसके लिए प्रशासन ई-बस और ई-ऑटो की सुविधा विकसित करेगा। इससे न केवल भीड़ का प्रबंधन आसान होगा बल्कि पर्यावरणीय दृष्टि से भी यह कदम अत्यधिक प्रभावी रहेगा।
आपदा और अग्नि प्रबंधन पर विशेष जोर
प्राकृतिक आपदाओं और संभावित अग्नि दुर्घटनाओं से बचाव के लिए प्रशासन ने पहले से ही सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि सिंहस्थ के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए वालंटियर्स को विशेष प्रशिक्षण दिया जाए। ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।
7379.75 करोड़ रुपये की योजनाओं को मिली मंजूरी
सिंहस्थ-2028 के लिए मंत्रिमंडलीय समिति ने 7379.75 करोड़ रुपये की लागत से 74 अधोसंरचना विकास कार्यों को मंजूरी दी है। इनमें से 54 कार्यों को प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है, 15 कार्य निविदा प्रक्रिया में हैं और 5 कार्यों की शुरुआत हो चुकी है। सिंहस्थ मेला क्षेत्र के लिए 2378 हेक्टेयर भूमि को शामिल करते हुए नगर विकास योजना को राज्य शासन द्वारा स्वीकृत कर दिया गया है।
प्रयागराज महाकुंभ से सीख लेकर होगा आयोजन
अधिकारियों ने हाल ही में प्रयागराज महाकुंभ का फील्ड विजिट किया और वहां से प्राप्त अनुभवों को मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रयागराज महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं के लिए किए गए श्रेष्ठतम प्रबंधन को सिंहस्थ-2028 में लागू किया जाए ताकि यह आयोजन हर दृष्टि से ऐतिहासिक बन सके।
यातायात और सुरक्षा व्यवस्था के लिए कड़े निर्देश
सिंहस्थ के दौरान लाखों श्रद्धालु एक साथ उज्जैन में उपस्थित रहेंगे। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने पुलिस प्रशासन को अत्याधुनिक तकनीकों से लैस करने, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने और विशेष रूप से प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों की तैनाती के निर्देश दिए।
सिंहस्थ 2028 – एक भव्य, दिव्य और सुव्यवस्थित आयोजन की ओर!
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट कर दिया है कि सिंहस्थ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि मध्यप्रदेश की संस्कृति, व्यवस्थापन क्षमता और प्रशासनिक कुशलता का भी परिचायक होगा। उज्जैन को भव्य स्वरूप में प्रस्तुत करने की यह तैयारी आने वाले समय में देश और दुनिया के श्रद्धालुओं के लिए एक नया अनुभव लेकर आएगी।
अब देखना यह है कि प्रशासन इन निर्देशों को कितनी तत्परता और प्रभावी तरीके से अमल में लाता है, क्योंकि सिंहस्थ-2028 केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक और धार्मिक गरिमा का जीवंत प्रमाण होगा!