जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्री मंडलीय समिति की पहली बैठक आयोजित हुई। जिसमें जल संसाधन, नगरीय प्रशासन एवं विकास, ऊर्जा, लोक निर्माण, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के कार्यों को मंजूरी दी गई है।
जानकारी के अनुसार, इस बैठक में सिंहस्थ-2028 के 19 कार्यों के लिए 5 हजार 882 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। वहीं, सिंहस्थ-महाकुंभ में दुनिया भर से करीब 15 करोड़ लोगों के शामिल होने की संभावना है। ऐसे में जनता की सुविधा के लिए इंदौर में लव-कुश चौराहे से उज्जैन तक नई मेट्रो लाइन का निर्माण किया जाएगा। यह काम दिल्ली रेल मेट्रो कॉर्पोरेशन करेगी।
वहीं, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बैठक में कहा कि मध्यप्रदेश की पहचान धार्मिक नगरी उज्जयिनी में हर 12 वर्ष में होने वाले सिंहस्थ के रूप में होती है। यह आयोजन न केवल प्रदेश के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है और इसकी गूंज पूरी दुनिया में सुनाई देती है। उन्होंने आगे कहा कि हर 12 साल में सभी वैष्णव और शैव संत सिंहस्थ में एकत्र होते हैं, जो सनातन धर्म की दिशा और स्वरूप को तय करते हैं। मानवता के लिए सिंहस्थ मेला-2028 का आयोजन फिर से होगा। उन्होंने कहा कि वैश्विक आयोजन सिंहस्थ के माध्यम से भारत दुनिया का नेतृत्व करेगा। इसकी समुचित तैयारियां की जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए नए निर्माण कार्य किए जा रहे हैं और मौजूदा सुविधाओं को भी बेहतर बनाया जा रहा है। ऐसे में सिंहस्थ की सफलता के लिए अभी से तैयारियों की जरूरत है, और इसके लिए सभी सरकारी विभागों और अन्य संगठनों को मिलकर काम करना होगा।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि एक ऐसी योजना बनानी चाहिए जिससे क्षिप्रा नदी हर हाल में पूरी तरह से साफ-सुथरी रहे और उसमें हमेशा शुद्ध जल का प्रवाह बना रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि सिंहस्थ-महाकुंभ में लगभग 15 करोड़ लोग दुनिया भर से आने की उम्मीद है। इसलिए उज्जैन में ट्रैफिक को संभालना एक बड़ी चुनौती होगी। ऐसे में इसकी तैयारियाँ अभी से शुरू हो चुकी हैं।