जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार की सबसे बड़ी सामाजिक योजना — मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना — अब राज्य के बजट पर और अधिक भार डालने जा रही है। इस महीने से योजना के तहत हर पात्र बहन को 1500 रुपए मिलेंगे। पहले 1250 रुपए दिए जा रहे थे, लेकिन मुख्यमंत्री ने अगस्त में इस राशि में 250 रुपए की बढ़ोतरी का ऐलान किया था।
अब हर महीने 318 करोड़ रुपए का बढ़ेगा खर्च
राज्य सरकार पहले से ही इस योजना के लिए कर्ज लेकर राशि वितरित कर रही थी। अब बढ़ी हुई राशि के बाद सरकार को हर महीने 318 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च का प्रबंधन करना होगा। माना जा रहा है कि 15 अक्टूबर से पहले ही बहनों के खातों में यह राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी, क्योंकि भाईदूज (23 अक्टूबर) से सीएम ने बढ़ी हुई राशि लागू करने की घोषणा की थी।
दिवाली से पहले बहनों के खाते में आएगी खुशखबरी
हर महीने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 15 तारीख से पहले लाड़ली बहना योजना की राशि ट्रांसफर करते हैं। ऐसे में उम्मीद है कि इस बार दिवाली और भाईदूज से पहले ही 1500 रुपए प्रति बहन के हिसाब से राशि उनके खातों में जमा कर दी जाएगी।
अगस्त में दी गई थी अतिरिक्त राखी किस्त
अगस्त महीने में मुख्यमंत्री यादव ने राखी पर्व पर विशेष उपहार के रूप में प्रत्येक बहन को 250 रुपए अतिरिक्त दिए थे। उस समय राज्य सरकार ने 1 करोड़ 26 लाख 89 हजार 823 बहनों के खातों में कुल 1,859 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए थे।
गैस सिलेंडर रीफिलिंग के लिए 43.90 करोड़ की मदद
राज्य सरकार अब 28 लाख से अधिक बहनों को गैस सिलेंडर रीफिलिंग के लिए भी आर्थिक सहायता दे रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एक क्लिक से 43.90 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर करेंगे। यह राशि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना और विशेष पिछड़ी जनजाति की महिलाओं को दी जाएगी।
सितंबर में भेजी गई थी 28वीं किस्त
पिछले महीने यानी सितंबर में मुख्यमंत्री ने झाबुआ जिले के पेटलावद से लाड़ली बहना योजना की 28वीं किस्त जारी की थी। उस दौरान 1.26 करोड़ बहनों के खातों में 1,541 करोड़ रुपए से अधिक की राशि भेजी गई थी। साथ ही 53 लाख से अधिक सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारियों को 320 करोड़ रुपए, और 31 लाख बहनों को 48 करोड़ रुपए गैस रीफिलिंग के लिए दिए गए थे।
लगातार बढ़ रहा है सरकार का कर्ज
लाड़ली बहना योजना और कर्मचारियों की वेतन आवश्यकताओं के बीच राज्य सरकार पर कर्ज का बोझ तेजी से बढ़ रहा है। अक्टूबर महीने में भी सरकार को 8 से 10 हजार करोड़ रुपए तक का नया कर्ज लेना पड़ सकता है। वर्तमान में राज्य पर कुल 4,59,640.27 करोड़ रुपए का कर्ज है, जबकि चालू वित्त वर्ष में अब तक 37,900 करोड़ रुपए का नया ऋण लिया जा चुका है। 30 सितंबर को भी 1,000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया था।
हाल के महीनों में लिए गए कर्ज
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23 सितंबर: 1,500-1,500 करोड़ रुपए के दो कर्ज (18 और 21 साल की अवधि के लिए)
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9 सितंबर: तीन कर्ज — 1,500-1,500 करोड़ और 1,000 करोड़ रुपए (17, 19 और 20 साल की अवधि)
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26 अगस्त: दो कर्ज — 2,500 करोड़ और 2,300 करोड़ रुपए (20 और 18 साल की अवधि)
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5 अगस्त: तीन कर्ज — 1,600 करोड़, 1,400 करोड़ और 1,000 करोड़ रुपए (18, 20 और 23 साल की अवधि)
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30 जुलाई: 4,300 करोड़ रुपए के दो कर्ज (17 और 23 साल की अवधि के लिए आरबीआई के माध्यम से)
क्यों शुरू की गई थी लाड़ली बहना योजना
मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना जून 2023 में शुरू की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण, उनके स्वास्थ्य में सुधार और पारिवारिक निर्णयों में भागीदारी बढ़ाना है।
21 से 59 वर्ष आयु वर्ग की विवाहित, विधवा, तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाएं इस योजना की पात्र हैं। अब तक सरकार सितंबर 2025 तक 9,599 करोड़ रुपए इस योजना पर खर्च कर चुकी है।
ये महिलाएं योजना में नहीं होंगी शामिल
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जिनकी सालाना आय 2.5 लाख रुपए से अधिक है
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आयकर दाता परिवार
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सरकारी या संविदा नौकरी करने वाले परिवार
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पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, या पेंशनधारी
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जिनके पास 5 एकड़ से अधिक जमीन या चार पहिया वाहन है (ट्रैक्टर सहित)
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जो पहले से किसी सरकारी योजना से 1,000 रुपए से अधिक प्रतिमाह ले रही हों
साफ है कि लाड़ली बहना योजना ने लाखों महिलाओं की जिंदगी में आर्थिक स्थिरता और आत्मनिर्भरता की नई रोशनी जगाई है, लेकिन इसके साथ ही राज्य सरकार को अब हर महीने बढ़ते वित्तीय दबाव का भी सामना करना पड़ रहा है। आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि मोहन सरकार विकास और सामाजिक कल्याण के बीच इस संतुलन को कैसे बनाए रखती है।