जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
सीधी जिले के रामगढ़ पंचायत क्षेत्र की कोलान बस्ती में शुक्रवार को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई। एक महिला ने मां दुर्गा से मांगी गई मन्नत पूरी करने के लिए अपनी जीभ काटकर माता के चरणों में अर्पित कर दी। यह दृश्य न केवल श्रद्धालुओं के लिए बल्कि पूरे इलाके के लिए भावुक और विचित्र था।
मन्नत और घटना की पृष्ठभूमि
जानकारी के अनुसार, महिला कल्लू बाई का पोता अनंत कोल (16) पिछले एक साल से गंभीर बीमारी से जूझ रहा था। तेज बुखार और लकवा के कारण वह छह महीने तक बिस्तर पर रहा। डॉक्टरों ने उसे अपाहिज घोषित कर दिया था। इस दौरान कल्लू बाई ने मां दुर्गा से मन्नत मांगी थी कि यदि उसका पोता स्वस्थ हो गया तो वह अपनी जीभ अर्पित करेगी।
कल्लू बाई का कहना है कि माता की कृपा से उसका पोता अब चल फिर पा रहा है। इस मन्नत को पूरा करने के लिए शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे उसने दुर्गा प्रतिमा के सामने यह असामान्य अनुष्ठान किया। इसके बाद करीब 13 घंटे तक वह खून से लथपथ वहीं पड़ी रही। रात को करीब 11 बजे जब उसने अपना मुंह खोला तो लोगों के बीच चर्चा फैल गई कि उसकी जीभ वापस आ गई है।
सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन भी सक्रिय हो गए। सीधी जिला अस्पताल के सिविल सर्जन ने कहा कि महिला की स्थिति फिलहाल स्थिर है, लेकिन ऐसे कृत्य बेहद खतरनाक हैं और जानलेवा साबित हो सकते हैं। उन्होंने लोगों से धार्मिक आस्था के नाम पर अपने जीवन को जोखिम में न डालने की अपील की।
महिला की कहानी
कल्लू बाई ने बताया कि उसका पोता पिछले एक साल से बीमार था। कई अस्पतालों में उपचार के बाद भी उसे राहत नहीं मिली। डॉक्टरों ने उसे जबलपुर ले जाने की सलाह दी थी, लेकिन इस बीच उन्होंने मां दुर्गा से मन्नत मांगी। उन्होंने दावा किया कि माता ने स्वप्न में यह संकेत दिया कि वह अपनी जीभ पंडाल में अर्पित करें।
कल्लू बाई ने यह भी कहा कि यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने अपनी जीभ अर्पित की हो। करीब आठ साल पहले, अपने पति की बीमारी के समय उन्होंने शंकर जी और हनुमान जी के मंदिर में ऐसा किया था, जिसके बाद पति को लाभ मिला था।