तहव्वुर राणा की न्यायिक हिरासत 13 अगस्त तक बढ़ी: NIA ने भी राणा के खिलाफ दाखिल की सप्लीमेंट्री चार्जशीट, अगली सुनवाई 13 अगस्त को !

You are currently viewing तहव्वुर राणा की न्यायिक हिरासत 13 अगस्त तक बढ़ी: NIA ने भी राणा के खिलाफ दाखिल की सप्लीमेंट्री चार्जशीट, अगली सुनवाई 13 अगस्त को !

जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

दिल्ली की NIA कोर्ट ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा की न्यायिक हिरासत 13 अगस्त तक बढ़ा दी है। इसी बीच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बुधवार को उसके खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल कर दी, जिस पर अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी। यह राणा के खिलाफ दूसरी चार्जशीट है। इससे पहले साल 2011 में NIA ने उसके खिलाफ पहली चार्जशीट दायर की थी, जिसमें राणा को डेविड हेडली और अन्य आतंकियों के साथ मिलकर मुंबई हमले का साजिशकर्ता बताया गया था। इस साल मई में तहव्वुर राणा को अमेरिका से विशेष विमान द्वारा भारत लाया गया था, जहां उसे दिल्ली की NIA कोर्ट में पेश किया गया और फिर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

हाल ही में हुई पूछताछ में तहव्वुर राणा ने चौंकाने वाली बातों को कबूल किया है। उसने माना कि वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और पाकिस्तानी सेना का एजेंट है। राणा ने बताया कि 26/11 के दौरान वह खुद मुंबई में मौजूद था और लश्कर-ए-तैयबा के निर्देशों पर उसने डेविड हेडली के साथ मिलकर छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, ताज होटल सहित कई स्थानों की रेकी की थी। उसने खुद मुंबई में इमिग्रेशन सेंटर खोलकर आतंकियों को सुविधाएं मुहैया कराई, ताकि वहां के खर्च को बिजनेस खर्च दिखाकर छुपाया जा सके। राणा ने ये भी खुलासा किया कि पाकिस्तान में उसने लश्कर-ए-तैयबा के कई ट्रेनिंग कैंपों में भाग लिया था और वहां साजिद मीर, अब्दुल रहमान पाशा और मेजर इकबाल जैसे पाकिस्तानी अधिकारियों से सीधा संपर्क था, जो इस पूरी साजिश को नियंत्रित कर रहे थे।

NIA सूत्रों के अनुसार राणा ने साफ माना कि 26/11 हमला लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तानी ISI के नेटवर्क की संयुक्त साजिश थी। पूछताछ में यह भी सामने आया कि खाड़ी युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना ने राणा को बतौर सैन्य डॉक्टर सऊदी अरब भेजा था। राणा पाकिस्तानी मूल का है, लेकिन वह कनाडा का नागरिक है। 1997 में वह कनाडा जाकर इमिग्रेशन सर्विस का काम करने लगा। बाद में अमेरिका के शिकागो सहित कई शहरों में उसने ‘फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज’ नाम से फर्म खोली। इसी फर्म के जरिए वह आतंकी गतिविधियों के लिए नेटवर्क और फंडिंग की परतें बिछाता रहा।

2008 के 26/11 मुंबई हमले में 175 लोग मारे गए थे और 300 से ज्यादा घायल हुए थे। इस भयावह हमले को अंजाम देने वाले मास्टरमाइंड डेविड हेडली का तहव्वुर राणा सबसे बड़ा मददगार था। उसे पूरी जानकारी थी कि हेडली किससे मिल रहा है, कहां जा रहा है और किसे टारगेट करना है। वह खुद भी आतंकियों के साथ इन बैठकों में शामिल होता था। 2009 में अमेरिकी जांच एजेंसी FBI ने शिकागो से राणा को गिरफ्तार किया और बाद में उसे अमेरिका में लश्कर-ए-तैयबा को समर्थन देने का दोषी पाया गया। तब से वह लॉस एंजिलिस के डिटेंशन सेंटर में बंद था।

अब राणा भारत में है, जहां NIA और मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच दोनों उस पर शिकंजा कसने में जुटी हैं। मुंबई पुलिस जल्द ही उसे अपनी रिमांड पर लेकर 26/11 हमले की गहन पूछताछ करेगी। इस पूरे मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी नजर है और जांच एजेंसियां इसे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से सीधे जुड़ा मामला मानकर आगे बढ़ रही हैं।

Leave a Reply