तेलंगाना: बीजेपी विधायक टी. राजा सिंह ने पार्टी से दिया इस्तीफा, कहा- “हिंदुत्व के लिए लड़ाई जारी रखूंगा, पर अब भाजपा के साथ नहीं”!

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तेलंगाना के गोशामहल से तीन बार विधायक रहे बीजेपी नेता टी. राजा सिंह ने सोमवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। ये इस्तीफा उस वक्त आया जब पार्टी के अंदर नेतृत्व को लेकर गहमागहमी बढ़ती दिख रही है। दरअसल, पूर्व एमएलसी रामचंदर राव को तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष बनाए जाने की अटकलों से नाराज होकर टी. राजा सिंह ने अपना त्यागपत्र भेजा और कहा कि यह “आहत कार्यकर्ताओं और अनसुने समर्थकों की आवाज” है।

राजा सिंह ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जी. किशन रेड्डी को भेजे गए अपने इस्तीफे में गहरी निराशा और आक्रोश जाहिर किया। उन्होंने लिखा कि “यह पत्र मेरी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा से नहीं, बल्कि उन लाखों भाजपा समर्थकों की पीड़ा और हताशा को दर्शाता है जिन्हें वर्षों की निष्ठा के बाद भी अनदेखा किया गया। पार्टी अब कुछ चुनिंदा लोगों की कठपुतली बन गई है जो पर्दे के पीछे से नेतृत्व कर रहे हैं।” उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा से अलग होने के बावजूद वे हिंदुत्व की विचारधारा, धर्म सेवा और गोशामहल की जनता के प्रति पूरी तरह समर्पित रहेंगे।

राजा सिंह की विवादों से भरी राजनीतिक पृष्ठभूमि

टी. राजा सिंह को हमेशा से कट्टर हिंदुत्ववादी छवि के लिए जाना जाता रहा है। उन पर 105 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से 18 सांप्रदायिक तनाव और नफरत फैलाने से जुड़े हैं। अगस्त 2022 में पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के चलते उन्हें भाजपा से निलंबित कर दिया गया था। हालाँकि, अक्टूबर 2023 में उनका निलंबन रद्द कर उन्हें फिर से पार्टी में शामिल कर लिया गया और उन्होंने 2023 में गोशामहल से तीसरी बार जीत दर्ज की।

उनके कुछ विवादित बयान और घटनाएं जो चर्चा में रहीं:

  • 2022: पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी करने के बाद हैदराबाद में भारी विरोध प्रदर्शन हुए। गिरफ्तारी के बाद उन्हें ज़मानत मिली लेकिन शर्तों का उल्लंघन करने पर दोबारा गिरफ्तार किया गया।

  • 2023: राम नवमी रैली में बोले कि “यदि भारत हिंदू राष्ट्र बना, तो सिर्फ दो बच्चों की नीति मानने वालों को वोट देने का अधिकार मिलेगा।” इस पर भी मुकदमा दर्ज हुआ।

  • 2023: एक और बयान में कहा— “जो कोई हिंदुत्व की ओर आंख उठाकर देखेगा, उसकी गर्दन काट दी जाएगी।”

  • 2024: मध्यप्रदेश के धार में मुस्लिम विरोधी बयान देकर जनभावनाएं भड़काईं।

  • 2024: दिसंबर में बोले— “अगर जिहादी आबादी बढ़ती रही, तो हिंदू प्रधानमंत्री नहीं बचेगा।”

  • 2025: ‘इंडिया हेट लैब’ की रिपोर्ट के मुताबिक, उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स से 32 नफरत भरे भाषण दिए गए, जिनमें से 22 हिंसा भड़काने वाले थे। इसके बाद मेटा ने फेसबुक और इंस्टाग्राम से उनके संबंधित कई अकाउंट्स को हटा दिया।

राजा सिंह के इस इस्तीफे ने भाजपा की आंतरिक राजनीति को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। उनके मुताबिक पार्टी ने न केवल जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की है बल्कि उन नेताओं को प्रमुखता दी जा रही है जो कार्यकर्ताओं से कटे हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी अब उस हिंदुत्व की राह से भटक रही है, जिसके लिए लाखों लोगों ने समर्थन दिया था।

अब क्या होगा टी. राजा सिंह का अगला कदम?

हालांकि उन्होंने अगला राजनीतिक कदम स्पष्ट नहीं किया है, लेकिन यह तय माना जा रहा है कि वे किसी हिंदुत्व आधारित प्लेटफॉर्म से राजनीति जारी रख सकते हैं। उन्होंने अपने पत्र में स्पष्ट कर दिया है कि वे धर्म और हिंदू समाज की सेवा जारी रखेंगे, चाहे वे किसी पार्टी में हों या न हों।

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