जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के 23 जिलों के 63 थानों को संवेदनशील घोषित कर गृह विभाग ने अधिसूचना जारी की है। इन थाना क्षेत्रों को अब ‘आइडेंटिफाई एरिया’ के रूप में चिह्नित किया गया है। पुलिस और संबंधित स्टाफ को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतें और गंभीर आपराधिक घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई करें। विशेष रूप से, इन इलाकों में अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग की आबादी अधिक होने के कारण सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी।
पिछले साल की गंभीर घटनाओं ने बढ़ाई चिंता
इन थानों को संवेदनशील घोषित करने की पृष्ठभूमि में पिछले कुछ वर्षों में हुई गंभीर घटनाएं शामिल हैं। उदाहरण के तौर पर सागर जिले के खुरई देहात थाना क्षेत्र में 24 अगस्त 2023 को दबंगों ने दलित युवक लालू अहिरवार की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। उसकी मां को भी बेरहमी से पीटा गया। इसी तरह, मंदसौर जिले के ढाकनी गांव में 6 दिसंबर 2024 को सरकारी जमीन पर विवाद को लेकर 30 हमलावरों ने महिला की गोली मारकर हत्या कर दी।
भिंड जिले के आरोली गांव में 13 जनवरी 2025 को गैंगरेप के बाद आरोपी पीड़िता के घर में आग लगा गए और परिवार को गंभीर नुकसान पहुंचाया। वहीं, खंडवा जिले में 23 मई को आदिवासी महिला के साथ बर्बरता की गई, जिसके चलते पीड़िता की मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उसके शरीर पर गंभीर चोटें पाई गईं।
आइडेंटिफाई एरिया में पुलिस की नई रणनीति
गृह विभाग ने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि आइडेंटिफाई एरिया में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाए। इसके तहत इलाके में गश्त बढ़ाई जाएगी, आवश्यकतानुसार नई चौकियां बनाई जाएंगी और लोगों को जागरूक किया जाएगा। साथ ही, पुराने विवादों का निपटारा करने और नए मामलों में तत्काल कार्रवाई करने का आदेश भी जारी किया गया है।
केंद्र सरकार के अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत यह कदम उठाया गया है। एक्सपर्ट के अनुसार, किसी इलाके को आइडेंटिफाई एरिया घोषित करने का मतलब है कि वहां कानून-व्यवस्था बनाए रखने और एससी-एसटी वर्ग पर अत्याचार को रोकने के लिए पुलिस और प्रशासन को अधिक संवेदनशील होना होगा।
आंकड़ों में बदलाव: 2023 में मामूली गिरावट
स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (SCRB) के आंकड़ों के अनुसार, मध्यप्रदेश में एट्रोसिटी एक्ट के तहत पिछले तीन सालों में औसतन 10 हजार से अधिक मामले दर्ज हुए। वर्ष 2021 में 10,081 मामले थे, जबकि 2022 में यह बढ़कर 11,384 हो गए। 2023 में मामूली गिरावट देखी गई और इस साल 313 मामले कम दर्ज किए गए। हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर मामलों में भी कमी आई है।
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संवेदनशील थाना क्षेत्रों की पहचान और आइडेंटिफाई एरिया की घोषणा कानून-व्यवस्था को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। पुलिस को यहां विशेष गश्त, निगरानी और तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इसका मुख्य उद्देश्य एससी-एसटी वर्ग पर होने वाले अत्याचार को रोकना और समाज में सुरक्षा और न्याय की भावना बनाए रखना है।