जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
फरवरी शुरू होते ही एग्जाम का महायुद्ध भी शुरू हो जाता है! एमपी बोर्ड के लाखों छात्र इन दिनों परीक्षा की कसौटी पर खरे उतरने को तैयार हैं। आज 25 फरवरी से 12वीं बोर्ड परीक्षा का आगाज हो चुका है, और परीक्षा केंद्रों पर सुबह से ही छात्रों की धड़कनों की गूंज सुनी जा सकती थी। पहला पेपर हिंदी का था, और परीक्षा सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक चली। वहीं, 10वीं की परीक्षा 27 फरवरी से शुरू होगी, जिसमें पहला पेपर हिंदी का रहेगा।
इस साल कक्षा 10वीं में 9,53,777 छात्र और कक्षा 12वीं में 7,06,475 छात्र परीक्षा देंगे। कुल मिलाकर 16,60,252 छात्र इस शैक्षणिक संग्राम का हिस्सा बनेंगे, जिसके लिए प्रदेशभर में 3,887 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। लेकिन इस बार परीक्षा सिर्फ सवालों और जवाबों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि नकल पर लगाम लगाने के लिए एक अनोखी पहल शुरू की गई है – ‘ईमानदारी की पेटी’।
दरअसल, परीक्षा में नकल पर लगाम कसने के लिए बोर्ड ने परीक्षा केंद्रों पर लोहे की पेटियां रखवाई हैं, जिन पर लिखा होगा – “यह पेटी स्वेच्छा से नकल सामग्री परीक्षा कक्ष में प्रवेश से पहले जमा करने के लिए रखी गई है।” छात्र चाहें तो इसमें अपनी गाइड, चिट या कोई भी नकल सामग्री डाल सकते हैं, लेकिन यदि कोई परीक्षा कक्ष में नकल के साथ पकड़ा गया, तो उसे कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा हर परीक्षा केंद्र पर उड़नदस्ते तैनात किए गए हैं साथ ही कुछ केंद्रों पर जैमर भी लगाए गए हैं।
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इस वर्ष 12वीं बोर्ड परीक्षा में लगभग 7 लाख 06 हजार 475 छात्र भाग लेंगे। प्रदेश में कुल 3887 परीक्षा केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें से 222 केंद्र संवेदनशील और 340 केंद्र अति संवेदनशील माने गए हैं। नकल रोकने के लिए 11 जिलों में जैमर लगाए जाएंगे, जिससे परीक्षा के दौरान अनुशासन बनाए रखा जा सके। ग्वालियर, भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन और मुरैना जैसे प्रमुख शहरों में भी संवेदनशील और अति संवेदनशील केंद्रों की पहचान की गई है। यदि कोई छात्र परीक्षा शुरू होने से 20 मिनट पहले परीक्षा केंद्र पर पहुंचता है, तो केंद्राध्यक्ष उचित कारण पूछने के बाद उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति दे सकते हैं। हालांकि, यदि छात्र 8:40 बजे के बाद पहुंचते हैं, तो उन्हें परीक्षा में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
यदि कोई छात्र परीक्षा शुरू होने से 20 मिनट पहले परीक्षा केंद्र पर पहुंचता है, तो केंद्राध्यक्ष उचित कारण पूछने के बाद उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति दे सकते हैं। हालांकि, यदि छात्र 8:40 बजे के बाद पहुंचते हैं, तो उन्हें परीक्षा में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। परीक्षा के दौरान, माशिमं की उड़नदस्ता टीमों के अलावा, संयुक्त संचालक (जेडी) और डीईओ की टीमें भी निरीक्षण करेंगी। यदि कोई छात्र नकल सामग्री के साथ पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ परीक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
परीक्षा के दौरान, कोई भी शिक्षक और केंद्राध्यक्ष परीक्षा केंद्र के अंदर मोबाइल फोन नहीं ले जा सकेंगे। मोबाइल ले जाने पर जुर्माना लगाया जाएगा। सरकारी स्कूलों में बनाए गए परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, और सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों को प्रतिबंधित किया जाएगा। इस बार माध्यमिक शिक्षा मंडल ने सप्लीमेंट्री कॉपी की व्यवस्था भी की है, जिससे छात्रों को और अधिक सुविधा मिलेगी।