जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश में मानसून का यह साल अब अपने अंतिम चरण में है। सीनियर मौसम वैज्ञानिक के अनुसार, प्रदेश में हैवी रेन का दौर अब समाप्त हो चुका है और अगले 2-3 दिन तक सिर्फ हल्की बूंदाबांदी की संभावना है। मौसम में यह बदलाव वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के सक्रिय रहने के कारण आया। मंगलवार को इसके प्रभाव से कई जिलों में हल्की बारिश दर्ज की गई।
डॉ. सुरेंद्रन ने बताया कि अगले 24 घंटे में प्रदेश के कुछ हिस्सों में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश हो सकती है, लेकिन भारी बारिश का खतरा फिलहाल टल गया है। 9 और 10 अक्टूबर को भी केवल कुछ जिलों में बूंदाबांदी के आसार हैं। मौसम विभाग ने साफ किया है कि बारिश की गतिविधियां अब धीरे-धीरे कम हो जाएंगी, लेकिन मानसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं।
भोपाल, इंदौर-जबलपुर में बदलता मौसम
भोपाल में मंगलवार को दिनभर धूप-छांव का खेल चलता रहा। दोपहर में तेज धूप निकली, लेकिन शाम तक बादल छा गए। इंदौर और जबलपुर सहित प्रदेश के कई जिलों में भी ऐसा ही मौसम रहा। शिवपुरी में हल्की बूंदाबांदी हुई, जबकि अन्य जिलों में मौसम स्थिर रहा।
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर और रतलाम जिलों से मानसून विदा हो चुका है। राजगढ़ और अशोकनगर के कुछ हिस्सों में भी मानसून समाप्त हो चुका है। इसके बावजूद, मौसम विशेषज्ञ मानते हैं कि जल्द ही मानसून फिर से लौटने की संभावना है। इस साल मानसून ने 16 जून को प्रदेश में दस्तक दी थी और समय से सिर्फ एक दिन बाद प्रवेश किया था।
गुना में सबसे ज्यादा, शाजापुर में सबसे कम बारिश
इस मानसूनी सीजन में गुना जिले में सबसे अधिक बारिश रिकॉर्ड हुई — 65.6 इंच। मंडला-रायसेन में 62 इंच, श्योपुर और अशोकनगर में 56 इंच से ज्यादा पानी गिरा। वहीं, शाजापुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और धार सबसे कम बारिश वाले जिलों में शामिल रहे। शाजापुर में 28.9 इंच, खरगोन में 29.6 इंच, खंडवा में 32 इंच, बड़वानी में 33.5 इंच और धार में 33.6 इंच बारिश हुई है।
इंदौर संभाग में बारिश का संतुलन
इस साल इंदौर और उज्जैन संभाग में बारिश की स्थिति शुरुआत में ठीक नहीं थी, लेकिन सितंबर में तेज बारिश के कारण इंदौर संभाग का बारिश का कोटा पूरा हो गया। वहीं उज्जैन जिले में अभी भी कोटा पूरा नहीं हुआ है, जिसमें शाजापुर सबसे कम बारिश वाला जिला बना हुआ है।
ग्वालियर-चंबल संभाग में बारिश का दबदबा
मौसम विभाग के अनुसार, जब से मानसून प्रदेश में आया है, ग्वालियर-चंबल संभाग में सबसे अधिक बारिश हुई है। ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर जिलों में कोटे से अधिक वर्षा दर्ज की गई है।
आज भी कुछ जिलों में हल्की बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने आज मध्यप्रदेश के कई जिलों में हल्की बारिश और गरज-चमक का अलर्ट जारी किया है। विशेष रूप से हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला, बालाघाट और डिंडौरी में भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी है, जबकि अन्य जिलों में बूंदाबांदी के आसार हैं।
अब मौसम में बदलाव साफ दिखाई दे रहा है। भारी बारिश का दौर समाप्त हो चुका है और मानसून की वापसी का इंतजार है। आने वाले दिनों में हल्की बारिश और बदलते मौसम के साथ मध्यप्रदेश के लोग मानसूनी मौसम का आखिरी आनंद ले सकेंगे।