दुनिया का सबसे महंगा F-35 जेट भारत में 13 दिन से फंसा, ब्रिटेन की 40 इंजीनियर्स की टीम पहुंची भारत; टीम तय करेगी यहीं होगा मरम्मत या लौटेगा UK?

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

भारत के केरल में तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पिछले 13 दिनों से ब्रिटेन का F-35 फाइटर जेट खड़ा है। यह वही सुपर एडवांस्ड फाइटर जेट है जिसे दुनिया के सबसे घातक और महंगे लड़ाकू विमानों में गिना जाता है। इस विमान की कीमत करीब 918 करोड़ रुपये बताई जा रही है। अब इस जेट को ठीक करने के लिए ब्रिटेन से 40 इंजीनियरों की एक विशेष टीम रविवार को भारत पहुंच रही है। यह टीम सबसे पहले यह तय करेगी कि विमान की मरम्मत भारत में ही संभव है या इसे वापस यूके भेजना पड़ेगा।

दरअसल, यह पूरा मामला 14 जून की रात का है। ब्रिटेन की रॉयल नेवी के HMS प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा यह F-35 लाइटनिंग फाइटर जेट केरल के तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर आपातकालीन लैंडिंग करने पर मजबूर हो गया था। इसके बाद इसमें तकनीकी खराबी आ गई। तब से लेकर अब तक यह जेट एयरपोर्ट पर ही खड़ा है।

हैरानी की बात यह भी है कि इतनी बड़ी तकनीकी समस्या के बाद अब ब्रिटेन की इंजीनियरिंग टीम खुद भारत आकर यह जांच करेगी कि विमान को यहीं दुरुस्त किया जा सकता है या फिर इसे एयरलिफ्ट करके ब्रिटेन ले जाना पड़ेगा। पहले यह टीम 2 जुलाई को ही आनी थी, लेकिन अब वह 7 जुलाई को भारत पहुंच रही है।

जानिए F-35 लाइटनिंग फाइटर जेट के बारे में

  • इसे लाइटनिंग नाम से ब्रिटिश सेवा में जाना जाता है।

  • यह F-35B वैरिएंट है, जो शॉर्ट टेक ऑफ और वर्टिकल लैंडिंग (STOVL) की क्षमता रखता है।

  • इसे खासतौर पर छोटे रनवे, एयर कैपेबल जहाजों और तंग इलाकों से ऑपरेट करने के लिए बनाया गया है।

  • इसे अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने बनाया है और यह पेंटागन के इतिहास का सबसे महंगा प्रोजेक्ट है।

  • एक F-35 जेट की लागत लगभग 82.5 मिलियन डॉलर (करीब 715 करोड़ रुपए) पड़ती है।

भारत में क्यों आया था ये फाइटर जेट?

बताया जा रहा है कि यह विमान इंडो-पैसिफिक में काम कर रहे HMS प्रिंस ऑफ वेल्स स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा था। इसने हाल ही में भारतीय नौसेना के साथ संयुक्त समुद्री अभ्यास भी किया था। इसी दौरान इसमें तकनीकी खराबी आ गई और इसे तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर उतारा गया।

अब आगे क्या होगा?

ब्रिटेन की टीम इस जेट की विस्तृत जांच करेगी। उसके बाद तय होगा कि मरम्मत यहीं होगी या विमान को विशेष कार्गो से यूके वापस भेजा जाएगा। सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार ने भी इसके फ्यूल रिफिलिंग की अनुमति दे दी है। ईंधन भरने के बाद इसे टेस्टिंग के लिए तैयार किया जाएगा।

क्यों है यह मामला इतना बड़ा?

  • यह भारत में पहली बार हुआ है कि दुनिया के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट में से एक इतने लंबे समय तक भारतीय एयरपोर्ट पर खड़ा रहा।

  • इससे न केवल भारत की रणनीतिक स्थिति पर नजर रखने वाले देशों की उत्सुकता बढ़ गई है, बल्कि कई देशों की इंटेलिजेंस एजेंसियां भी इसे बारीकी से फॉलो कर रही हैं।

  • भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की भी इस पर पैनी नजर बनी हुई है।

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