गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने की फिलहाल कोई योजना नहीं: लोकसभा में केंद्र का स्पष्ट बयान, राज्यों के अधिकार क्षेत्र का दिया हवाला; एस. पी. सिंह बघेल का बयान—गाय संरक्षण राज्यों का अधिकार!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री एस. पी. सिंह बघेल ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 246(3) के तहत पशुओं का संरक्षण ऐसा विषय है, जिस पर कानून बनाने का विशेष अधिकार राज्यों के पास है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार गायों के संवर्धन, संरक्षण और पालन के लिए पहले से ही कई कदम उठा रही है। दिसंबर 2014 से लागू राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत देशभर में उच्च गुणवत्ता वाली नस्लों के विकास, संरक्षण और उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर काम किया जा रहा है।

दूध उत्पादन के ताज़ा आंकड़े साझा करते हुए बघेल ने कहा कि वर्ष 2024 में देश का कुल दूध उत्पादन 239.30 मिलियन टन रहा। इसमें गाय के दूध का योगदान 53.12% और भैंस के दूध का योगदान 43.62% था। इन आंकड़ों को देखते हुए उन्होंने जोर दिया कि पशुपालन न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूती देता है, बल्कि पोषण और खाद्य सुरक्षा में भी अहम भूमिका निभाता है।

संसद के भीतर सोमवार को स्थिति काफी गर्म रही। वोटर वेरिफिकेशन और वोट चोरी के आरोपों पर विपक्ष के हंगामे के बीच आयकर विधेयक (संख्या–2) 2025 और कराधान कानून संशोधन विधेयक–2025 को लोकसभा में बिना चर्चा के पारित कर दिया गया। राज्यसभा में भी माहौल अलग नहीं था। वहां गोवा विधानसभा एसटी आरक्षण विधेयक और मणिपुर से जुड़े तीन विधेयक पेश किए गए। विपक्षी दलों ने इस प्रक्रिया पर आपत्ति जताई। राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जब सदन में चर्चा की स्थिति नहीं है, तब विधेयकों को पारित करना लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। उन्होंने चेयर और नेता सदन से स्पष्ट जवाब की मांग करते हुए इसे “लोकतंत्र के साथ धोखा” बताया।

इन राजनीतिक हलचलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक भी हुई। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि देश में चिप निर्माण क्षमता को बढ़ाने और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में आत्मनिर्भरता लाने के लिए चार नए सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है। ये प्रोजेक्ट्स ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पंजाब में स्थापित किए जाएंगे, जिन पर 4,594 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इससे पहले छह प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिल चुकी है, और नए फैसले के साथ भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला में अपनी स्थिति मजबूत करेगा।

कैबिनेट ने लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के फेस–1बी को भी हरी झंडी दे दी है। 11.165 किलोमीटर लंबे इस खंड में 12 मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे, जिसके लिए 5,801 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। सरकार का मानना है कि इससे शहर में यातायात दबाव कम होगा और तेज, स्वच्छ सार्वजनिक परिवहन का विकल्प उपलब्ध होगा।

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