जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस एक बार फिर सिर उठाने लगा है। 2025 में प्रदेश में कोरोना से तीसरी मौत दर्ज की गई है। इस बार रतलाम की 52 वर्षीय महिला ने इंदौर के एक निजी अस्पताल में दम तोड़ा। महिला को पहले से ही ब्रोंकियल अस्थमा, डायबिटीज (HbA1C 7.4%) और 25 साल पुराना टीबी का इतिहास था। 8 जून को सांस लेने में तकलीफ के चलते उन्हें भर्ती किया गया था, 10 जून को कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई और अगले ही दिन, यानी 11 जून को एमआरटीबी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
यह केस प्रदेश के लिए एक चेतावनी है, क्योंकि जिन्हें पहले से स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं हैं – जैसे कि गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग, या पहले से बीमार लोग – उन्हें गंभीर खतरा बना हुआ है। इससे पहले खरगोन की एक 44 वर्षीय महिला और इंदौर की एक 74 वर्षीय महिला की भी कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है। तीनों ही मृतक महिलाएं थीं, जो किसी न किसी गंभीर बीमारी से जूझ रही थीं।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि प्रदेश सरकार या स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिलेवार कोरोना आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए जा रहे हैं। यह पहली बार हो रहा है कि Integrated Disease Surveillance Programme (IDSP) जैसी महत्वपूर्ण संस्था आंकड़ों को छिपा रही है। IDSP प्रभारी डॉ. अश्विनी भागवत से न कोई संपर्क हो पाया, न ही उनका कोई आधिकारिक बयान सामने आया है।
इधर, 11 जून को एक ही दिन में 21 नए केस सामने आए, जो इस साल अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। 2025 में अब तक कुल 123 लोग कोरोना संक्रमित पाए जा चुके हैं, जिनमें से 86 एक्टिव केस हैं, 34 मरीज ठीक हो चुके हैं और 3 की मौत हो चुकी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में इस समय JN.1 वैरिएंट सबसे अधिक सक्रिय है। WHO ने इसे “वैरिएंट ऑफ कंसर्न” घोषित किया है। भोपाल के सिविल सर्जन डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने चेताया कि कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, खासकर गर्भवती महिलाएं और बुजुर्ग। मास्क, सैनिटाइज़र और भीड़ से दूरी जैसी प्राथमिक सावधानियों को अब फिर से अपनाने की ज़रूरत है।
बता दें, प्रदेश के दो प्रमुख शहरों में भी नए केस तेजी से बढ़ रहे हैं —
🔹 भोपाल में अब तक कुल 13 केस दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें से 2 नए मामले बुधवार को मिले।
🔹 इंदौर में अब तक 81 केस सामने आए हैं, जिनमें 12 नए केस 11 जून को दर्ज किए गए।