सरकार को सुधारने के लिए कोर्ट में जाएं, इससे आएगा सिस्टम में अनुशासन — नितिन गडकरी

You are currently viewing सरकार को सुधारने के लिए कोर्ट में जाएं, इससे आएगा सिस्टम में अनुशासन — नितिन गडकरी

जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में नागपुर में आयोजित ‘प्रकाश देशपांडे स्मृति कुशल संगठक पुरस्कार समारोह’ में एक बहुत ही अहम और गहन बात कही। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर देश में प्रशासन और सिस्टम में अनुशासन बनाए रखना है, तो समाज में ऐसे लोग भी होने चाहिए जो सरकार के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएं। गडकरी ने इस मौके पर कहा कि कई बार अदालतें ऐसे आदेश भी पारित कर देती हैं, जो सरकारें अपने स्तर पर नहीं कर पातीं। इसलिए जरूरी है कि समाज में जागरूक और जुझारू नागरिकों की मौजूदगी बनी रहे, जो समय-समय पर सरकारी नीतियों और फैसलों को चुनौती दें ताकि व्यवस्था में उत्तरदायित्व और अनुशासन कायम रह सके।

गडकरी ने अपने संबोधन में कहा कि जनता को लुभाने की राजनीति अक्सर नेताओं और मंत्रियों को जनहित के कई अहम कदम उठाने से रोक देती है। ऐसी स्थिति में अदालतों का हस्तक्षेप और जागरूक नागरिकों द्वारा दाखिल जनहित याचिकाएं लोकतंत्र की मजबूती और सिस्टम की कार्यप्रणाली को दुरुस्त करने का माध्यम बनती हैं। उन्होंने कई उदाहरण भी दिए, जब अलग-अलग मौकों पर केंद्र और राज्य सरकारों के फैसलों को अदालत में चुनौती दी गई और बाद में सरकार को अपने निर्णयों पर पुनर्विचार करना पड़ा।

उन्होंने समारोह में सम्मानित हुए कुशल संघटकों की सराहना करते हुए कहा कि ये वे लोग हैं जिन्होंने सिर्फ विरोध करने के लिए नहीं, बल्कि सच्चे अर्थों में जनहित में कार्य किया। इन्होंने अदालतों के जरिए सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित की और यह साबित किया कि लोकतंत्र में जागरूक नागरिकों की कितनी अहम भूमिका है। गडकरी ने कहा कि ऐसे लोग सरकार की गलतियों को उजागर कर न सिर्फ सिस्टम को आईना दिखाते हैं, बल्कि समाज में अनुशासन और पारदर्शिता भी लाते हैं।

केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि उन्हें ऐसे लोगों पर गर्व है, जो जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए साहसपूर्वक अदालत तक जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र की खूबसूरती है कि हर नागरिक को यह अधिकार प्राप्त है कि वह अपनी सरकार को कटघरे में खड़ा कर सके। इससे नेताओं और अफसरों में भी एक संदेश जाता है कि कोई भी फैसला जनहित के खिलाफ या मनमर्जी से नहीं लिया जा सकता।

गडकरी ने इस दौरान यह भी कहा कि यदि न्यायपालिका समय-समय पर ऐसे मामलों में दखल न दे, तो कई महत्वपूर्ण फैसले या तो लटक जाते हैं या फिर जनता के वास्तविक हित में नहीं लिए जाते। उन्होंने अंत में कहा कि प्रशासन में अनुशासन बनाए रखने के लिए जागरूक नागरिकों द्वारा सरकार के खिलाफ समय-समय पर याचिकाएं दाखिल किया जाना बेहद आवश्यक है। इससे न केवल शासन में पारदर्शिता आती है, बल्कि जनता में भी यह भरोसा कायम रहता है कि लोकतंत्र में उनकी आवाज की भी अहमियत है।

Leave a Reply