जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
शनिवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान देवास जिले के खिवनी खुर्द गांव पहुंचे, जहाँ उन्होंने उन आदिवासी परिवारों से मुलाकात की, जिनके मकान हाल ही में वन विभाग ने अतिक्रमण बताकर गिरा दिए थे। यह कार्रवाई 23 जून को हुई थी, जब भरी बारिश के बीच दर्जनों आदिवासी परिवारों के आशियाने मलबे में तब्दील हो गए। इस घटना के फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुए थे, जिसके बाद राज्यभर में इस कार्रवाई की कड़ी आलोचना हुई थी। यहाँ तक कि पीड़ितों के समर्थन में खातेगांव में 27 और 29 जून को धरना-प्रदर्शन भी किया गया था।
शनिवार को केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं पीड़ितों के बीच पहुंचे। वे एक पीड़ित आदिवासी परिवार के घर लगभग 15 मिनट तक रुके और उनके साथ भोजन भी किया। इसके बाद शिवराज गांव में घूमे और बरसाती के नीचे एक छोटी सभा को करीब 20 मिनट तक संबोधित किया। उन्होंने कहा — “मैं यहाँ सांसद या मंत्री के रूप में नहीं, बल्कि आपका सेवक बनकर आया हूँ। मैं आपका दर्द बांटने आया हूँ। हमारी सरकार आदिवासियों और गरीबों के साथ है। किसी भी पीड़ित के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।”
शिवराज ने इस दौरान साफ शब्दों में कहा कि कुछ अधिकारियों ने अमानवीय कार्य किया है, जिसने सरकार की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया। ऐसे अधिकारियों को दंडित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस मामले में मुख्यमंत्री से उनकी बात हो चुकी है और पीड़ित परिवारों को हुए नुकसान का सर्वे कराकर पूरी भरपाई की जाएगी। उन्होंने घोषणा की कि पुराने कब्जाधारियों को पट्टे दिए जाएंगे और सांसद स्वेच्छानुदान निधि से सभी 51 प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता दी जाएगी।
शिवराज सिंह चौहान ने मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी पीड़ितों को शीघ्र टीन शेड, राशन और अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई जाए। साथ ही गाँव की जिस सड़क का निर्माण पूर्व से स्वीकृत है, उसका कार्य भी जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
इस घटना के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव ने भी संवेदनशील रुख अपनाया। उनके ही निर्देश पर जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह 28 जून को खिवनी पहुँचे थे। विजय शाह ने तीन किलोमीटर लंबा कीचड़ भरा रास्ता पैदल चलकर पीड़ितों से मुलाकात की थी और उन्हें तत्काल सहायता राशि, टीन शेड सामग्री और राशन प्रदान किया गया था।
गौरतलब है कि वन विभाग द्वारा की गई इस कार्रवाई को लेकर विपक्ष भी सरकार पर हमलावर रहा। लेकिन अब सरकार ने साफ संकेत दिए हैं कि दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई होगी और किसी भी आदिवासी या गरीब के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।