जबलपुर के नागरथ चौक पर भिड़े दो बेकाबू घोड़े, शोरूम में तोड़फोड़ और ई-रिक्शा में घुसकर तीन को किया घायल; लोग बोले – पहले भी की थी शिकायत!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

शहर के व्यस्ततम इलाकों में शामिल नागरथ चौक सोमवार को उस वक्त अफरा-तफरी का केंद्र बन गया जब दो बेकाबू घोड़े आपस में भिड़ गए और लड़ते-लड़ते एक शोरूम में जा घुसे। वहां उन्होंने न केवल तोड़फोड़ मचाई, बल्कि चौराहे से गुजर रहे एक ई-रिक्शा में भी टकरा गए, जिससे ऑटो चालक समेत तीन लोग घायल हो गए। स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर निगम को पहले ही इन घोड़ों की जानकारी दी जा चुकी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

शोरूम में मचाई भगदड़, सड़क पर फैली अफरातफरी

घटना दोपहर करीब 12 बजे की है, जब नागरथ चौक पर दो घोड़े आपस में भिड़ गए। शुरुआत में यह आम झगड़ा लगा, लेकिन जल्द ही लड़ाई इतनी उग्र हो गई कि दोनों जानवर बेकाबू हो गए। आसपास खड़े लोगों ने उन्हें भगाने की कोशिश की, लेकिन घोड़े उनकी ओर दौड़ने लगे, जिससे लोग जान बचाकर इधर-उधर भागे। कुछ ही पलों में दोनों घोड़े एक इलेक्ट्रॉनिक्स शोरूम में जा घुसे और वहाँ मौजूद सामान को नुकसान पहुँचाया।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, शोरूम में काफी तोड़फोड़ हुई। कई कीमती इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स टूट गए। शोरूम स्टाफ जान बचाकर इधर-उधर भागा और ग्राहकों को भी बाहर निकालने की कोशिश की गई। CCTV फुटेज से पता चला है कि घोड़ों की टक्कर से एक टीवी यूनिट पूरी तरह टूट गई।

रिक्शा में घुसा घोड़ा, ड्राइवर और दो यात्री घायल

लड़ाई के दौरान जैसे ही घोड़े सड़क पर लौटे, उसी वक्त एक ई-रिक्शा चौराहे से गुजर रहा था जिसमें सवारियाँ बैठी थीं। अचानक एक घोड़ा सीधे रिक्शा में घुस गया। इस टक्कर से रिक्शा पलट गया और उसमें बैठे दो यात्रियों को गंभीर चोटें आईं। वहीं ड्राइवर के सिर और कंधे में गहरी चोट लगी। स्थानीय लोगों ने घायलों को बाहर निकाला और एम्बुलेंस बुलाकर मेडिकल कॉलेज भेजा।

रिक्शा ड्राइवर की हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है, लेकिन वह मानसिक रूप से सदमे में है। उसका रिक्शा भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है।

पहले से दी गई थी नगर निगम को सूचना

स्थानीय निवासी मेहमूद अली ने बताया कि इन दोनों घोड़ों को बीते तीन दिनों से चौराहे पर लड़ते देखा जा रहा था। लोगों ने इस संबंध में नगर निगम को सूचित किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। “हमने कई बार फोन किया, फोटो भेजे, लेकिन कोई टीम नहीं आई,” मेहमूद ने बताया।

घटना के बाद लोगों में रोष है। प्रत्यक्षदर्शी राजू यादव का कहना है कि “इन घोड़ों को नियमित रूप से देखा जाता है। तीन घोड़े रोज़ चौराहे के आसपास घूमते रहते हैं। इनके कारण ट्रैफिक जाम और एक्सीडेंट आम बात हो गई है। आज की घटना अगर किसी स्कूल बस या बाइक सवार के साथ हो जाती, तो जान भी जा सकती थी।”

स्थानीय व्यापारियों ने भी शोरूम में हुए नुकसान को लेकर क्षतिपूर्ति की मांग की है। उनका कहना है कि यह प्रशासन की सीधी लापरवाही है, जिससे आम जनता और व्यापारी दोनों परेशान हैं।

लोगों ने मांग की है कि जिनके ये घोड़े हैं, उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए। घोड़ों को रेस्क्यू कर शहर से बाहर शिफ्ट किया जाए। अगर अब भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो अगली बार स्थिति और ज्यादा गंभीर हो सकती है।

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