जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
हमारे शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्वों का संतुलित सेवन जरूरी है। अक्सर लोग मानते हैं कि विटामिन D केवल हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए ज़रूरी है, लेकिन मेडिकल रिसर्च बताती है कि इस विटामिन की कमी का असर हमारी आंखों की सेहत पर भी गंभीर रूप से पड़ सकता है। लंबे समय तक विटामिन D की कमी रहने से दृष्टि कमजोर हो सकती है और समय रहते ध्यान न देने पर यह समस्या अंधेपन तक पहुंच सकती है।
क्यों ज़रूरी है विटामिन D?
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, विटामिन D आंखों के लिए एक प्रोटेक्टिव शील्ड की तरह काम करता है। यह आंखों में सूजन कम करता है, रेटिना की रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखता है और आंखों के टिशूज में नए सेल्स बनने की प्रक्रिया को सपोर्ट करता है। इस कारण यह न केवल आंखों की रोशनी बनाए रखने में मदद करता है बल्कि एज-रिलेटेड मैक्युलर डिजनरेशन (AMD) जैसी गंभीर समस्याओं से भी बचाव करता है।
कमी के लक्षण
विटामिन D की कमी के शुरुआती संकेतों में—
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आंखों में बार-बार थकान महसूस होना
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धुंधला दिखना या दृष्टि कमजोर होना
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आंखों में सूजन और जलन
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सिरदर्द और आंखों पर दबाव
अगर इन लक्षणों को नजरअंदाज किया जाए तो धीरे-धीरे समस्या गंभीर हो सकती है।
विटामिन D की कमी कैसे पूरी करें?
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डाइट से –
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दूध, दही और पनीर
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मशरूम
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मछली (सैल्मन, टूना)
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अंडे की जर्दी
ये सभी खाद्य पदार्थ विटामिन D से भरपूर होते हैं।
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धूप से –
रोज़ाना सुबह की धूप में 15-20 मिनट समय बिताने से शरीर प्राकृतिक रूप से विटामिन D बनाता है। -
सप्लीमेंट्स से –
अगर शरीर में कमी गंभीर हो, तो डॉक्टर की सलाह पर विटामिन D सप्लीमेंट लिए जा सकते हैं।
ध्यान रखने योग्य बातें
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संतुलित आहार लेना और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना सबसे ज़रूरी है।
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आंखों में किसी भी तरह की परेशानी या दृष्टि कम होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।
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विटामिन D का सेवन जरूरत से ज्यादा भी नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे शरीर पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
डिस्क्लेमर
यह आर्टिकल केवल सामान्य स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी प्रकार का डाइट चार्ट, सप्लीमेंट या हेल्थ प्रोग्राम शुरू करने से पहले हमेशा अपने चिकित्सक या न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह जरूर लें।