ब्रज में रंगों की बयार: रंगभरनी एकादशी से गीली होली का शुभारंभ, बांके बिहारी जी की स्वर्ण पिचकारी से भक्तों पर प्रेमरस की वर्षा; 10 से 14 मार्च तक पदयात्रा नहीं करेंगे प्रेमानंद महाराज

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

ब्रज में होली का उत्सव अपने चरम पर है! रंगभरनी एकादशी से गीले रंगों की होली का शुभारंभ हो चुका है। वृंदावन की गलियों में गुलाल की बयार बह रही है, और मंदिरों में श्री राधा-कृष्ण के संग भक्त होली खेल रहे हैं।

आज वृंदावन में राधाबल्लभ मंदिर से भगवान राधा-कृष्ण का भव्य डोला निकला। बग्गी पर विराजमान ठाकुर जी अपने भक्तों के साथ प्रेम और रंगों में सराबोर होली खेलने निकले। पूरे नगर में श्रद्धालु “राधे-राधे” के जयकारे लगाते हुए भक्ति रस में डूबे नजर आए। भगवान के स्वरूपों ने रास्ते भर रंग और गुलाल उड़ाकर पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। इसी बीच आज वृंदावन में 15 किमी लंबी पंचकोसी परिक्रमा के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। कोई लड्डू गोपाल को गोद में लेकर चल रहा है, तो कोई दंडवत करते हुए परिक्रमा कर रहा है। पूरे मार्ग पर रंग और गुलाल उड़ाए जा रहे हैं, भजन-कीर्तन की मधुर गूंज से ब्रज भूमि गूंज रही है। यमुना नदी पर बने पीपा पुल से हजारों श्रद्धालु पंचकोसी परिक्रमा के लिए आ रहे हैं। भीड़ इतनी अधिक हो गई कि पुल जाम हो गया।

 बांके बिहारी जी की स्वर्ण पिचकारी से रंगोत्सव

बांके बिहारी मंदिर में भक्तों पर प्रेमरस की वर्षा हो रही है। ठाकुर जी चांदी के सिंहासन पर विराजमान होकर सोने की पिचकारी से भक्तों को नहलाते दिखे। भजनों की धुन पर भक्त झूम रहे हैं, नृत्य कर रहे हैं और रंगों में सराबोर हो गए हैं। द्वारकाधीश मंदिर में भी भक्तगण होली खेलते हुए भक्ति में लीन हैं।

होली का जश्न 10 से 14 मार्च तक चरम पर

जानकारी के लिए बता दें,  वृंदावन में 10 मार्च को रंगभरनी एकादशी का विशेष पर्व है। करीब 10 लाख श्रद्धालु रोज़ाना यहां पहुंच रहे हैं। भीड़ और ठाकुर जी के दर्शन हेतु प्रेमानंद महाराज ने घोषणा की है कि 10 से 14 मार्च तक वे रात्रि पदयात्रा नहीं करेंगे। आश्रम प्रशासन ने श्रद्धालुओं से निवेदन किया है कि वे दर्शन हेतु इन दिनों यात्रा करने से बचें।

इससे पहले प्रेमानंद महाराज ने 11 दिन तक पदयात्रा नहीं की थी। दरअसल, 4 फरवरी को मथुरा की NRI ग्रीन सोसाइटी के सदस्यों ने उनकी पदयात्रा के दौरान ढोल और आतिशबाजी का विरोध किया था। इसके परिणामस्वरूप, प्रेमानंद महाराज ने 6 फरवरी से अपनी रात्रिकालीन पदयात्रा को रोकने का निर्णय लिया। इसके बाद वह रात 2 बजे के बजाय सुबह 4 बजे कार से केली कुंज आश्रम की ओर जाने लगे थे। इसके बाद, 16 फरवरी को NRI ग्रीन सोसाइटी के अध्यक्ष आशु शर्मा ने प्रेमानंद महाराज से हाथ जोड़कर माफी मांगी। कहा- सोसाइटी के लोग पश्चाताप कर रहे हैं। ब्रजवासियों ने भी उसने पदयात्रा शुरू करने की अपील की। इसके बाद संत प्रेमानंद महाराज ने 17 फरवरी से पदयात्रा शुरू की थी।

 

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