जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
सबलगढ़ के एसडीएम अरविंद माहौर के खिलाफ एक महिला और उसके परिवार ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि माहौर लंबे समय से उनकी बेटी को फोन पर परेशान कर रहे थे और बाद में परिवार को खुली धमकियां देने लगे। शिकायत में यह भी कहा गया है कि एसडीएम ने देवर की दुकान पर जाकर प्रत्यक्ष रूप से धमकी दी कि “तेरी बेटी और तेरी भाभी में बहुत गर्मी है, झूठे केस में फंसा दूंगा।” इस मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के आदेश पर माहौर को निलंबित किया जा चुका है।
परिवार की गुहार — “हमारी जिंदगी नरक बन गई”
पीड़िता की मां ने बताया कि माहौर की धमकियों के कारण उनकी बेटी हमेशा डर के माहौल में जी रही है। निलंबन के बाद भी माहौर ने कहा है कि वह इस्तीफा देने को तैयार नहीं हैं और मामला खत्म न होने पर लड़के-लड़कियों की जिंदगी को कठिन बना देंगे। पीड़ित परिवार का कहना है कि माहौर की धमकियों से वे अपना घर छोड़कर रिश्तेदारों के पास रहने को मजबूर हैं और आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे हैं। बेटी की पढ़ाई भी बाधित हो चुकी है।
घटना की पूरी तस्वीर
शिकायतकर्ता महिला और उसके पति ने मुरैना कलेक्ट्रेट में कलेक्टर अंकित अस्थाना को वीडियो समेत शिकायत की थी। वीडियो में माहौर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए नजर आए। इसके बाद कलेक्टर ने माहौर को मुख्यालय अटैच कर दिया। लेकिन निलंबन के बावजूद माहौर ने रात में कार्यालय खोलकर 6 पटवारियों के ट्रांसफर किए, जिनमें से 4 को कलेक्टर ने रोक दिया।
पीड़िता के चाचा का कहना है कि माहौर अंबाह में एसडीएम रहते समय से रात में फोन पर बेटी को परेशान कर रहे थे। विरोध करने पर उन्होंने रिश्तेदारों को धमकाया। सबलगढ़ में पदस्थ होने के बाद ये घटनाएं और बढ़ गईं। पीड़िता के चाचा ने बताया कि माहौर ने कई बार उन्हें अपने बंगले पर बुलाया और न आने पर झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। उन्होंने यह भी बताया कि एक दिन वे और उनकी भाभी रात में बंगले पर गए और वहां माहौर द्वारा परिवार के प्रति की गई धमकियों और अभद्र भाषा का वीडियो रिकॉर्ड कर लिया।
केस की टाइमलाइन:
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2023: माहौर द्वारा पीड़िता को फोन पर परेशान करना शुरू।
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5 सितंबर 2025: माहौर ने पीड़िता के चाचा को धमकी दी।
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16 सितंबर 2025: शिकायत दर्ज, माहौर को मुख्यालय अटैच।
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19 सितंबर 2025: मुख्यमंत्री ने माहौर को निलंबित किया।
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19 सितंबर 2025: माहौर ने कार्यालय खोलकर पटवारियों के ट्रांसफर किए।
प्रशासन की कार्रवाई
कलेक्टर अंकित अस्थाना ने मामले की गंभीरता को देखते हुए निलंबन का कदम उठाया और मामले की जांच जारी है। पीड़ित परिवार ने मुख्यमंत्री से सुरक्षा और न्याय की गुहार लगाई है।