उज्जैन। बीते सोमवार (25 मार्च) को सुबह के समय महाकाल मंदिर के गर्भगृह में आग लगने का मामला सामने आया था। इस घटना में 14 लोग झुलस गए थे।
ताजा जानकारी के अनुसार, आग लगने के मामले की मजिस्ट्रियल जांच शुरू कर दी गई है। कलेक्टर नीरज सिंह ने तीन दिन में रिपोर्ट मिलने की बात कही है।
इस बीच प्राथमिक जांच पता चला है कि श्रृंगार के बाद कपूर आरती के दौरान स्प्रे से गुलाल उड़ाने पर आग भभकी थी। चांदी की दीवार पर लगाए गए कपड़े के कारण आग तेजी से फैली और पुजारियों और सेवकों को चपेट में ले लिया। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि आग आखिर कैसे लगी।
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के गर्भगृह में सोमवार सुबह भस्म आरती के दौरान आग लग गई थी। इसमें पुजारियों सहित कुल 14 लोग घायल हो गए थे। इनमें से नौ पुजारियों, सेवकों को इंदौर रेफर किया गया था। कलेक्टर के अनुसार सभी घायलों की हालत खतरे से बाहर है। सभी का बेहतर इलाज किया जा रहा है। वहीं, इलाज के बाद तीन पुजारियों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
भस्म आरती दर्शन के लिए नंदीहाल, गणेश और कार्तिकेय मंडपम् में दो हजार से अधिक श्रद्धालु मौजूद थे। आग लगने पर अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान कर्मचारियों ने स्थिति पर काबू पाया। अन्यथा बड़ा हादसा भी हो सकता था।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक्स पर एक पोस्ट किया। पीएम मोदी ने कहा कि उज्जैन के महाकाल मंदिर में हुई दुर्घटना अत्यंत पीड़ादायक है। इस हादसे में घायल सभी श्रद्धालुओं के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा है।
इस घटना का मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने संज्ञान लिया और उन्होंने मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि बाबा महाकाल मंदिर के गर्भगृह में भस्म आरती के दौरान हुई दुर्घटना दुखद है। मैं प्रशासन के संपर्क में हूं। सब नियंत्रण में है। बाबा महाकाल से प्रार्थना है कि सभी घायल शीघ्र ही पूर्णतः स्वस्थ हों।