किचन में रखा ये तेल हार्ट के लिए है खतरनाक

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किचन में रखा ये तेल हार्ट के लिए है खतरनाक

ज्यादातर भारतीय किचन और रेस्तरां में सनफ्लावर, सोयाबीन, कैनोला और कॉर्न जैसे सीड ऑयल का इस्तेमाल होता है। इस तरह के तेल शरीर को कैसे नुकसान पहुंचाते हैं इसके बारे में डॉक्टर से जानिए। कुकिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले तेल को हार्ट हेल्दी बताया जाता है, लेकिन कार्डियोलॉजी, फंक्शनल मेडिसिन और डिजीज रिवर्सल डॉ. आलोक चोपड़ा का मानना है कि इस तरह के तेल आपके हार्ट को डैमेज करने का काम करते हैं। जानिए किचन में मौजूद सीड ऑयल शरीर को कैसे नुकसान पहुंचाते हैं। सनफ्लावर, सोयाबीन, कैनोला और कॉर्न जैसे सीड ऑयल का इस्तेमाल अधिकतर भारतीय किचन और रेस्तरां में किया जाता है।

डॉक्टर कहते हैं कि ये दिखने में असल में उतने खतरनाक नहीं हैं, लेकिन ये रियल फूड नहीं हैं। ये इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट हैं जिन्हें फैक्ट्री में हाई हीट, केमिकल और प्रेशर के साथ निकाला जाता है। तेल निकालने का ये तरीका उसे ऑक्सिडाइज करता है और उसके स्ट्रक्चर को डैमेज करता है। जब आप इस तरह के ऑक्सिडाइज तेल में बना खाना खाते हैं तो ये आपके शरीर में फ्री रेडिकल्स का उत्पादन करते हैं। इसकी वजह से हाई इंफ्लामेशन होता है। जिसकी वजह से सेल्स डैमेज होते हैं और हार्ट से जुड़ी समस्याओं के अलावा कैंसर और मोटापे का खतरा बढ़ता है। इस तरह के तेल में ओमेगा-6 फैटी एसिड होता है, खासतौर से लिनोलिक एसिड। ओमेगा 6 का ज्यादा सेवन बॉडी बेलेंस को खराब कर सकता है। इससे इंफ्लामेशन बूस्ट होती है और ये गुड कोलेस्ट्रॉल को नुकसान पहुंचा सकता है। इस तेल से डायबिटीज का खतरा बढ़ता है और ये क्रोनिक बीमारियों को ट्रिगर कर सकता है। कुछ सीड ऑयल में ट्रांस फैट की ज्यादा मात्रा होती है। इस तरह के तेल खतरनाक होते हैं और इससे कैंसर और हार्ट डिसीज का खतरा रहता है। रेस्तरां में इस तरह के तेल का इस्तेमाल ज्यादा बुरी तरह से होता है क्योंकि इसे कई दिनों तक बार-बार गर्म किया जाता है। जिससे टॉक्सिक एल्डिहाइड का उत्पादन करता है। डॉक्टर कहते हैं कि कोल्ड प्रेस्ट या फिर मिनिमल प्रोसेस्ड तेल का इस्तेमाल करें। इसके साथ ओमेगा 6 और ओमेगा 3 के बेहतर संतुलन का लक्ष्य रखें।

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